देवस्थानम् बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहित लामबंद
फोटो- उत्तराखंड के चारो धाम।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। देवस्थानम बोर्ड मामले में सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बोर्ड के विरोध मे पैरवी कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड का सडको पर भी विरोध किए जाने का निर्णय लिया है तो बीकेटीसी के निर्वतमान अध्यक्ष ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड मे चारों धामों के हकहकूकों को यथावत रखा गया है।
चारधाम दवेस्थानम प्रबंधन बोर्ड का उत्तराख्ंाड उच्च न्यायालय से बहुप्रतीक्षित फैसला आ जाने के बाद जहाॅ सरकार व सरकार के पक्ष के लेागो मे खुशी है। वही बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थपुरोहित समाज ने आगे की रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है। चार धाम तीर्थपुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोठियाल ने कहा कि उच्च न्यायायल ने जो फैसला दिया है उस पर तो टिप्पणी नही करेगे लेकिन देवस्थानम बोर्ड का विरोध निरंतर जारी रहेगा। उन्होने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वाेच्च न्यायालय मे पैरवी किए जाने के लिए भी अधिवक्ताओं से वार्ता का दौर शरू हुआ है। इसके साथ ही देश के शंकराचार्यो व धर्माचार्यो से भी वार्ताएं की जा रही है। कहा कि अब सडको पर इस एक्ट के विरोध मे जोरदार आंदोलन किया जाऐगा।
महापंचायत के अध्यक्ष श्री कोठियाल का कहना है कि आखिर सरकारी नियंत्रण केवल हिंन्दु मंदिरों पर ही क्यों! यदि देवस्थानम बोर्ड मे सभी धर्मा के धर्मस्थलों को भी लिया जाता तो बात समझ मे आती कि सरकार ब्यवस्थांए सुधार रही है। उनका कहना था कि भाजपा वोट के लिए हिंन्दुओ का इस्तेमाल कर उन्ही के साथ अन्याय करती रही है । ऐसा लंबे समय तक नही चल सकतां। कहा कि भाजपा हिन्दुओ को ज्यादा समय तक गुमराह नही कर सकेगी। श्री कोटियाल ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम मे मास्टर प्लान की योजना तैयार कर वहाॅ भी मनमानी करने पर उतारू है। जिसमे सरकार सफल नही हो सकेगी।
चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी के अनुसार उच्च न्यायालय के फैसले का अभी अध्ययन किया जा रहा है, और शीध्र ही वीडियो कांन्फ्रेसिंग के द्वारा चारो धामो के तीर्थपुरोहितों व हकहकूधारी समाज से वार्ता कर आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाऐगा ।
इधर बदरी-केदार मंदिर समिति के निर्वतमान अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने कहा कि चारों धामो के तीर्थपुरोहितों व हकहकूकधारी समाज के सभी प्रकार के हक सुरक्षित रहें इसके लिए एक्ट निर्माण से पूर्व वे स्वयं भी पैरवी कर चुके है। और वे पूरी तरह आश्वास्थ है कि चारों धामों से जुडे किसी भी समुदाय के हकों पर कभी भी कोई कुठारधात नही होगा। विधानसभा मे देवस्थानम बोर्ड एक्ट पारित होने से पूर्व ही वे सभी विंदुओं पर बारीकी से अध्ययन कर चुके थे।
श्री थपलियाल ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड से निश्चित ही चारो धामों की व्यवस्थाओं में आमूलचूल परिवर्वन होगा। और देश-विदेश से आने वाले लोखोे तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। कहा कि जिन अन्य मंदिरों को भी देवस्थानम बोर्ड मे लिया गया है वहाॅ के इन उपेक्षित धार्मिक स्थलों तक मूलभूत सुविधाएं सडक, पानी विजली, धर्मशालाएं व पर्यटक आवास गृहों का निर्माण होगा और उन क्षेत्रों के निवासियों को भी तीर्थाटन व पर्यटन के माध्यम से बेहतर रोजगार मिल सकेगा।