डॉ हरीश चंद्र अंडोला
देश की आस्था से जुड़े तिरुपति मंदिर के पवित्र लड्डू प्रसाद में मिलावट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि उत्तराखंड के भगवानपुर की एक डेयरी ने बिना दूध खरीदे ही 68 लाख किलो नकली घी तैयार कर 250 करोड़ रुपये की आपूर्ति की। यह घी वर्षों तक तिरुपति लड्डू में इस्तेमाल होता रहा।
देश की आस्था को झकझोर देने वाला खुलासा तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले पवित्र लड्डू में मिलावट का बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई की विशेष जांच टीम (SIT) ने पता लगाया है कि उत्तराखंड के भगवानपुर स्थित “भोले बाबा डेयरी” ने बिना एक बूंद दूध खरीदे ही 68 लाख किलो नकली घी तैयार कर दिया। यही घी तिरुपति देवस्थानम को लड्डू प्रसादम के लिए आपूर्ति किया गया था।
जांच के मुताबिक, 2019 से 2024 तक इस डेयरी ने करीब 250 करोड़ रुपये का फर्जी कारोबार किया। कंपनी ने पाम ऑयल और रासायनिक पदार्थों जैसे सिट्रिक एसिड एस्टर और भोले मिलाको को मिलाकर नकली घी तैयार किया और उसे ‘शुद्ध घी’ के नाम पर बेचा। इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब SIT ने इस केस के मुख्य आरोपी अजय कुमार सुगंध को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में सुगंध ने बताया कि कंपनी के प्रमोटर चोमिल जैन और विपिन जैन ने दूध या मक्खन की खरीद नहीं की थी। जांच में यह भी पता चला कि उन्होंने दिल्ली स्थित एक बड़ी कंपनी से पाम ऑयल और पाम कर्नल ऑयल की आपूर्ति करवाई और उससे नकली घी तैयार किया।
आस्था से जुड़े इस मामले ने देशभर में लोगों को झकझोर दिया है। सवाल सिर्फ आर्थिक नहीं, विश्वास से खिलवाड़ का है। तिरुपति लड्डू, जो भक्तों के लिए प्रसाद का प्रतीक है, उसमें मिलावट की खबर ने हर श्रद्धालु को आहत किया है।
सीबीआई अब मामले की गहराई से जांच कर रही है, और सूत्रों के मुताबिक, इसमें कई और बड़ी कंपनियों की भूमिका सामने आ सकती है।
लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं












