ग्वालदम से हरेंद्र बिष्ट।
कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने पिछले तीन दिनों से सुंदरडुंगा ग्लेशियर में फंसे पर्यटकों को निकालने के प्रति शासन के साथ ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन बागेश्वर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि शनिवार को भी ग्लेशियर में फंसे लोगों को निकालने के ठोस प्रयास नहीं करने का आरोप लगाया है। जिससे लोगों में भारी गुस्सा व्याप्त है।
बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक के एक गांव से पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने जानकारी देते हुए बताया कि सुन्दरढूंगा ग्लेशियर में 5 बंगाली पर्यटकों के साथ ही वाछम गाँव के जैकुनी निवासी गाइड खिलाफ सिंह दानू 3 दिनों से फंसे हुए हैं। अब तक इन लोगों का रेस्क्यू नहीं किया जा सका है। उन्होंने बताया कि 2 दिन तक उस बर्फीले तूफान में फंसने के बाद भूखे प्यासे किसी तरह से लौट के आये पोर्टरों का कहना है कि अब किसी के बचने की उम्मीद काफी कम रह गई है। बर्फीले तूफान से बचकर आये एक पोर्टर ने बताया कि गाइड खिलाफ सिंह के पास एक वाकी टॉकी था, जिसकी रेंज 5 किमी की है, उसके माध्यम से उन्होंने जातोली के लोगों को 20 अक्टूबर की शाम को सूचना दे दी थी। 20 को ही स्थानीय लोगों के द्वारा प्रशासन को सूचित कर दिया गया था। 21 को गाइड खिलाफ सिंह के भाई आंनद सिंह, ग्राम प्रधान चंदन सिंह सहित लगभग 100 स्थानीय लोग उनकी खोज में खाती गाँव से 9 किमी दूर जातोली तक पहुंच गए थे। लेकिन तब स्थानीय प्रशासन, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख ने रेस्क्यू करने गए सभी लोगों को इस विश्वास के साथ वापस बुला लिया गया की 22 की सुबह हेलीकॉप्टर व एसडीआरएफ के द्वारा उनका रेस्क्यू किया जाएगा।
यह मालूम होते हुए भी की उच्च हिमालई बर्फीले क्षेत्रों में सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ही उड़ान भरी जा सकती है। उसके बाद बादलों के कारण वहां लैंड करना संभव नहीं होता है। दोपहर 2 बजे तक हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की कोई व्यवस्था सरकार और प्रशासन के द्वारा नहीं की गई। शनिवार को भी सुबह 9 बजे तक भी हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने की कोई सूचना नहीं है। इस तरह सरकार और प्रशासन का लापरवाह रवैया अब तक बना हुआ हैं। उन्होंने इस पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए आपदा के दौरान भी शासन, प्रशासन के द्वारा भारी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।