
श्रीनगर। किसान आंदोलन के चलते करनाल में पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज में एक किसान नेता की मौत हुई। उनको सोसलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट की ओर से श्रद्धांजलि दी गयी । देशभर के विभिन्न राज्यों में आज शहीद दिवस मनाया जा रहा है।
तीन कृषि कानून के खिलाफ पिछले नौ महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। अभी तक छः सौ से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं पर पुलिस के अत्याचार में यह पहला किसान है जो शहीद हुआ।आज के प्रदर्शन में हरियाणा सरकार और भारत सरकार से मांग है कि ऐसे अत्याचार करने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा को बर्खास्त करना चाहिए। आयुष सिन्हा का वीडियो सोशल मीडिया में वाइरल है, जिसमें वो पुलिस को आदेश दे रहे हैं कि किसानों का सर फोडना चाहिए।
श्रीनगर के जानेमाने ट्रेड यूनियन नेता और समाज सेवी पीबी डोभाल ने कहा तीन कृषि कानून खेती और अर्थ नीति दोनों को बर्बाद करेगा और उन्होंने अपील की कि जनता को इसमें भागीदारी देनी पड़ेगी।
एसयूसीआई सी के संयोजक डॉ मुकेश सेमवाल ने कहा कि करनाल की घटना लोकतंत्र के लिए काला धब्बा है। हर सरकार चाहे वो कांग्रेस हो या बामपंथीए क्षेत्रीय पार्टी पुलिस का राजनीतिक दुरुपयोग करती है पर बीजेपी, आरएसएस ने सभी सीमाएँ लांघ दी हैं। प्रदर्शन में प्रगतिशील जनमंच के अनिल स्वामी और ऑल इंडिया डीएसओ छात्र संगठन से रेशमा, पूजा, संदीप शामिल रहे। एसयूसीआई सी और द्वारा हरियाणा के किसान शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
किसान आंदोलन के चलते करनाल में पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज में एक किसान नेता की मौत हुई। उनको सोसलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट की ओर से श्रधांजलि दी गयी। देशभर के विभिन्न राज्यों में आज शहीद दिन मनाया जा रहा है।