

फोटो-01 सुरंग के अंन्दर ड्रीलंग करती मशीन ।
02- धौली नदी में पहुंचने के लिए अलग से एप्रोच रोड तैयार करती जेसीबी मशीन ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। ऋषि गंगा की आपदा के छठे दिन रैणी में एक शव और बरामद हुआ है। जबकि एक शव मैठाणा में भी मिला है। अब तक कुल 38 लोगों के शव मिल चुके हैं। जबकि टनल के अंदर 35लोगों का छठे दिन भी केाई सुराग नहीं लग सका। हाॅलाकि टनल के अंन्दर ड्रीलिंग का कार्य एक बार फिर शुरू किया गया है।
ऋषि गंगा व धौली गंगा की भीषण आपदा के छठवे दिन भी शवांे की तलाश का कार्य जारी है। ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट रेणी के मलबे से आज एक शव बरामद हुआ है। जबकि एक शव सर्च आपरेशन के दौरान मैठाणा में भी मिला है। इस बीच बचाव कार्यों में लगी सेना, आईटीबीपी व एनडीआरएफ आदि एजेंिसंयों ने टनल के अंन्दर ड्रीलिंग एक बार फिर शुरू तो की लेकिन उसमें भी मलबा भरने से दिक्कतांे का सामना करना पड रहा हैं, लेकिन ड्रीलिंग का कार्य जारी है। टनल के अंन्दर ड्रीलिंग का जोखिम भरा काम सेना की बंगाल इंजीनियरिंग कोर के जवान कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि कि ड्रीलिंग टनल के अंन्दर करीब सौ मीटर की दूरी पर से किया जा रहा है। जिसका मुख्य उदेश्य ड्रीलिंग के बाद उस स्थान से कैमरे के माध्यम से टी-प्वांइट जहाॅ 35 जिंदगियाॅ फंसी हैं, उस स्थान पर मलबा व पानी के भंडारण को देखना है। इसी आधार पर पता लग सकेगा कि फॅसे लोगांे की हालात किस प्रकर है। अब तक करीब 20फीट तक ड्रील किया जा चुका है।
इस बीच जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने रैणी और तपोवन क्षेत्र मे बचाव एवं राहत कार्याे का निरीक्षण किया। तपोवन मे गौरी शेकर मंदिर के पास से एक एप्रोच रोड तैयार करने के भी निर्देश दिए ताकि निचली ओर मलबे मे शवों की तलाश की जा सके। इसके अलवा टनल से पहले एक कापर डैम तैयार करने की योजना को भी मूर्तरूप दिया गया ताकि ऋषि गंगा व धौली ंगंगा से अचानक बढने वाला पानी को सुरंग के अंदर जाने से रोका जा सके।












