पिथौरागढ। जंगली जानवरों खासकर कटखने बंदरों के आतंक से जनआबादी को बचाने के लिए जिला मुख्यालय के निकट धनौडा वन पंचायत में एक अभिनव प्रयोग किया गया है। वन विभाग ने इस प्रयोग को मील का पत्थर बताते हुए सभी से इस अभियान को प्रारंभ करने की अपील की है।
पिथौरागढ की स्वैच्छिक संस्था इंट्रिसिक क्लाइंबर्स एण्ड एक्सप्लोरर्स आईस और मुस्कान सामाजिक उत्थान समिति के स्वयंसेवकों ने पर्यावरण दिवस पर वन पंचायत धनौडा की खाली पड़ी भूमि पर विभिन्न प्रजाति के आड़ू, पुलम, नाशपाती, आंवला के करीब तीन हजार बीजों का रोपण किया। मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल और वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने इस प्रयोग को बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने में मील का पत्थर बताया और कहा कि प्रशासन इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरा प्रयास करेगा।
इस अवसर पर पिछले दिनों वनाग्नि पर अपनी जान जोखिम में डालकर वनों की सुरक्षा में लगे केशव मखौलिया, उनके पुत्र मनीष मखौलिया, फॉरेस्ट गार्ड ललित सिंह को सम्मानित किया गया। वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने केशव मखौलिया और मनीष को विभाग की ओर से सम्मानित करने की घोषणा की।
कार्यक्रम के दौरान आईस और मुस्कान संस्था के अध्यक्ष जगदीश कलौनी, बाल कल्याण समिति की सदस्य रेखा रानी, मनोज कुमार पांडेय, मनरेगा लोकपाल विनीता कलौनी, पीएलवी और अपनी धरोहर संस्था की महिला जिला संयोजक बबीता मेहता, कला नगन्याल, ज्योति भट्ट आदि शामिल हुए।