सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
आजकल मंत्री रेखा आर्य के हरीश रावत पर दिये बयानों पर राजनीतिक भूचाल उठाना शुरू हो गया है। उत्तराखण्ड काग्रेस सेवादल ब्रिगेड के उपाध्यक्ष व गढ़वाल विश्व विद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष युवा नेता अंकुर रौथाण ने मंत्री रेखा आर्य को दी दो टूक नसीहत—-

बड़ी बहिन रेखा आर्य जी जिस तरह से आप पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय हरीश रावत जी से जुबानी जंग लड़ रही हो उसे देखकर लगता है कि क्या हरीश रावत जी का 2014 के सोमेश्वर विधानसभा उपचुनाव में आपको टिकट देकर विधानसभा पहुंचाने का फैसला सही था? जबकि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड है कि जिसकी सरकार उपचुनाव में उसकी जीत।
राजेन्द्र बारकोटी का टिकट काटकर एक महिला को सम्मान दिया। राजेन्द्र बारकोटी भी उपचुनाव जीत जाते।और 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचण्ड मोदी लहर में आप उन्हीं राजेन्द्र बारकोटी से सिर्फ 710 वोट से चुनाव जीती हैं। अगर हरीश रावत जी 2014 के चुनाव में आपको टिकट देने की गलती नहीं करते तो आज वो भी 2 बार के विधायक बन गये होते।आप जानती हैं कि सोमेश्वर सीट पर हरीश रावत जी का कितना जनाधार है इसलिए आप उनको ऐसा कह रही हैं। हमारे उत्तरांखड में मातृ शक्ति को देवी के रूप में देखा जाता है,औरत का हृदय कोमल होता है और आपने उसी ममतारूपी हृदय को आज आमजनमानस की नजर में सोचने को मजबूर कर दिया है जिस व्यक्ति ने आपको विधायक बनाया उसी से विस्वासघात करके सरकार गिराने का जो घिनौना काम आपने किया था और बीजेपी के लाल और हरे नोटों में बिक चुकी थी वो इतिहास में हमेशा अमर रहेगा कि एक लोभी महिला के रूप में।
आपके पति गिरधारी लाल साहू पर 25 साल पुराना मर्डर का केस उजागर हुआ है,नॉन वेलेबल वारंट निकला है,आपके पति का नाम किड़नी चोर गिरोह में शामिल है। रेखा आर्य जी अगर आपने हरीश रावत जी को एक बैल की संज्ञा दी है तो आप सुन लीजिए एक वो बैल भी होता है जो खेतों को जोतकर न जाने कितने लोगों को उस खेत का अन्न देने का काम करता है वैसे ही हरीश रावत जी ने मनोज रावत,हरीश धामी,ललित फर्शवान,मनोज तिवारी,हेमेश खर्कवाल,आदेश चौहान,रंजीत रावत,प्रदीप टम्टा, प्रताप सिंह बिष्ट और आप जैसे न जाने कितने लोगों को आगे बढ़ाया है।
आपके कहने न कहने से कुछ नहीं होता लेकिन एक बाप की उम्र के व्यक्ति को कहने से पहले कुछ सोचा होता कि उम्र की भी कुछ सीमाएं होती हैं। कांग्रेस की शुरुआत ही दो बैलों की जोड़ी चुनाव चिन्ह से शुरू हुई थी, माननीय हरीश रावत जी मैं एक बात आपसे भी कहना चाहता हूं कि आप सोच समझकर ही आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्यासी चयन करें। कौन कब भाग जाए कोई पता नहीं। कोश्यारी जी की चेली रेखा आर्य सिर्फ विधायक बनने के लिए ही कांग्रेस में शामिल हुई थी और ऐसे न जाने कितने आस्तीन के सांप अभी भी हैं कांग्रेस में।