फोटो-विश्वधरोहर फूलो की घाटी का विंहगम दृष्य ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। 87 वर्ग किमी0 की फूलों की घाटी में अब 12 ट्रैप कैमरे शीतकाल में वन्य जीवों की निगरानी के साथ शिकारियों पर भी नजर रखेंगे। बृहस्पतिवार को विश्व धरोहर राष्ट्रीय उद्यान फूलों की घाटी शीतकाल के लिए बंद हुई। करीब 17 हजार से अधिक पर्यटकों ने इस वर्ष घाटी की सैर की।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को ब्हस्पतिवार को शीतकाल के दौरान पर्यटको व आम नागरिको की आवाजाही के लिए बंद कर दी गई। इस वर्ष 01जून को पर्यटको की आवाजाही के लिए खोली गई फूलो की घाटी मे 31अक्टूबर तक 520विदेशी पर्यटको सहित कुल 17424 पर्यटको ने घाटी की सैर की।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रति वर्ष विश्व भर के पर्यटको का अपनी ओर खींच लाती है। घाटी मे जून से लेकर अक्टूबर तक पर्यटको की आवाजाही बनी रहती है। वन महकमे की देखरेख मे पर्यटको को फूलो की घाटी की सैर कराने के साथ ही वहाॅ उगने वाले सैकडो प्रजाति के फूलों के साथ ही बेसकीमती जडी-बूटियो की जानकारी दी जाती है। इस वर्ष 31अक्टूबर तक घाटी मे कुल 17424 पर्यटक पंहुचे जिनमे से 16940भारतीय व 520 विदेशी पर्यटक शामिल थे। वन विभाग को इन पर्यटको से पर्यटन शुल्क के रूप मे 27लाख 60हजार 825 रूपये की आय हुई। जबकि गत वर्ष 640विदेशी पर्यटको सहित कुल 14हजार 635 पर्यटक घाटी मे पंहुचे थे जिनसे वन महकमे को पर्यटन शुल्क के रूपम े 24लाख 35हजार 6सौं रूपये की आय हुई थी। इस वर्ष गत वर्ष की अपेक्षा करीब तीन हजार पर्यटक अधिक पंहुचे घाटी मे। वन विभाग द्वारा पर्यटन शुल्क के रूप मे भारतीय पर्यटको से 150रूपये तथा विदेशी पर्यटको से 600रूपया लिया जाता है।
क्रीब 87वर्ग किमी0 मै फैली विश्व धरोहर फूलो की घाटी मे सैकडो प्रजातियांे के फूलो के साथ ही कई किस्म की बेसकीमती जडी-बूटियों का भंडार है। खासकर ब्लू पापी, वाइल्ड रोज, लिली कोबरा आदि फूलो को नजदीक से देखने के लिए विदेशी पर्यटक बडी संख्या मे यहाॅ पंहुचते हैं। घाटी मे पाई जाने वाली बेसकीमती जडी-बूटियो मे जेरिनियम, डोलू, चैरू, शंख पुष्पी, हत्था जडी, शालम पंजा, सतावर आदि प्रमुख है।
प्रकृति की इस अनमोल धरोहर फूलों की घाटी मे फूलों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला पौलीगोनम पतवार वन विभाग के लिए विकट समस्या बनता जा रहा है। वन विभाग हर वर्ष पौलीगोनम का उन्मूलन तो करता है लेकिन फिर वह उससे भी अधिक क्षेत्र मे फैलता जा रहा है।
फूलो की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती के अनुसार इस वर्ष घाटी से बर्फ हटते ही जहाॅ विभिन्न स्थानो पर ग्लेशियर काटकर मार्ग तैयार किया गया वही करीब 80हैक्टेयर क्षेत्र मे पौलीगोनम की सफाई भी की गई।
रैजं आफीसर श्री भारती के अनुसार इस वर्ष पर्यटको की संख्या गत वर्ष से काफी अधिक रही। पर्यटको को घाटी की सैर कराने व उनकी सुरक्षा के लिए पाॅच वन आरक्षी व एक वन दारोगा की तैनाती रहती है। उन्होने कहा कि घाटी मे सैर करने वाले विदेशी पर्यटको मे जापान, थाइलैंड, मलेशिया, हाॅगकाॅग, न्यूजीलैड व आस्ट्रेलिया के पर्यटको की सख्ंया ज्यादा देखी गई। उन्होने बताया कि इस वर्ष घाटी मे ट्रैप कैमरों की संख्या बढाकर 12कर दी गई है। गत वर्ष घाटी मे 6ट्रैप कैमरे लगाए गए थे। गत वर्ष ट्रैप कैमरो ने घाटी मे विचरण करते हुए हिमालियन ब्लैक वियर, हिम तेंदुआ, कस्तूरा मृग व असख्य मौनाल ट्रैप किए थे।