कमल बिष्ट
रिखणीखाल। पौड़ी जनपद के विकास खण्ड रिखणीखाल व नैनीडांडा के वासिदें वाइरल बुखार की चपेट में हैं। बढ़ती गरमी के बाद विगत दो हफ्ते पहले हुई बारिश के चलते प्रखंड रिखणीखाल के बदलपुर पट्टी, पैनों की चार पट्टियों के लोग व नैनीडांडा की बूंगी पट्टी संक्रमित हुई है।
ग्रामीण लोगों को हल्की ठंड के साथ झुरझरी, खांसी.बुखार व बलगम की शिकायत हो रही है। जहां मौसम ने एकदम करवट बदलते ही गांवों में ठंड की लहर बढ़ी है। कांडा गजरोड़ा निवासी विमला देवी, गबर सिंह तथा वीडी ध्यानी का कहना है कि इस आने वाले बुखार को लेकर लोगों में आशंका बनने के कारण भयभीत हैं। इसलिये इधर.उधर आने.जाने में भी परहेज कर रहे हैं। यही नहीं सीमांत बासुलीसेरा, रौंदेड़ी, सकनेड़ी, भद्वाड़, तूण्यों, उपगांव, ताल बसेड़ी, चिलाऊं, मन्नापाणी, बिलकोट व हल्दूखाल आस.पास भी बहुतायत क्षेत्र में यह वाइरल बुखार चल रहे हैं। लोग कई दिनों से घरों में पड़े हुये हैं। कहा कि अपने सास ससुर की खबरसार लेने बिलकोट निवासी सुषमा भी गांव जाकर बुखार की चपेट में आ गयी। एक हफ्ते तक दवाई लेने पर भी ठीक नहीं हुयी तो कोटद्वार वापस आ गयी। जिससे बच्चों को भी यह बुखार हो गया। टेस्ट कराया गया तो वह कोरोना पाजिटिव पायी गयी। चिकित्सक की सलाह व होम आइसोलेशन में रहकर बड़ी मुश्किल से ठीक हो पायी हैं।
अब देखना यह है कि क्या यह वाइरल इंफेक्शन बुखार भी कोरोना का संकेत है या नहीं यह भी असमंजस की स्थिति बनी हुयी है। कतिपय लोगों ने इस बावत् विभाग को सूचित भी किया है, क्योंकि यह भी किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी ने सीएमओ पौड़ी तथा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी रिखणीखाल को भी समस्या के समाधान हेतु सूचित किया है। वहीं सीएमओ पौड़ी का कहना है कि स्टॉफ की कमी के कारण गांवों में टीम का आना संभव नहीं, पीड़ितों को अस्पताल लाकर टैस्ट करवायें तो बेहतर है, ताकि समय रहते किसी भी खतरे से बचा जा सकेगा।