मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए हिमवाल सोसाइटी ने आयोजित किया कार्यशाला। ढाक चमोली एकदिवसीय कार्यशाला पानी और पोषण के माध्यम से स्वास्थ्य संवर्धन उत्तराखंड में छात्रों और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है आयोजक हिमवाल सोसाइटी देहरादून यू कास्ट उत्तराखंड के सहयोग से किया गया गौरा देवी राजकीय पॉलिटेक्निक ढाक जोशीमठ में आयोजित किया गया भोजन विकास कार्यक्रम मुख्य थीम के रूप में रखी गई थी आज कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र में डॉक्टर नंदकिशोर हटवाल ने परंपरागत खाद्य व्यंजन एवं मोटे अनाजों के बारे में विस्तार से जानकारी दी उन्होंने कहा कि पहाड़ की पहचान कौदा झिंगरा रहा है उत्तराखंड राज्य की लड़ाई में भी रखा गया कि कोदा झींगोरा खाएंगे उत्तराखंड बनाएंगे नारे बुलंद रहे। आज आवश्यकता है कि पौष्टिकता के आधार पर मोटे अनाजों को बढ़ावा देना आवश्यक है। मुख्य विशेषज्ञ के रूप में लक्ष्मण सिंह नेगी जनदेश के सचिव ने कहा कि वर्तमान समय में जलवायु संकट से बचने के लिए एकमात्र उपाय है कि मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया जाए और खाद्य व्यंजनों को स्थानीय स्तर पर उपयोग करने की आवश्यकता है जिस तरह से पौष्टिक आहार का हनन हो रहा है और कुपोषण बढ़ रहा है इसको कम करने के लिए मोटे अनाजों का खाद्य व्यंजन का भोजन में उपयोग पहाड़ों में बढ़ाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर जसवीर सिंह प्रधानाचार्य राजकीय टेक्निकल तपोवन ने कहा कि परंपरागत खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है जिससे लोगों को लाभ मिल सके। भालचंद्र चमोला वन पंचायत सरपंच तपोवन ने कहां की पहाड़ों में जितने भी अनाज थे सब औषधि युक्त हैं इनका उपयोग करने से बुद्धि का विकास और पौष्टिकता मिलती है शरीर का विकास होता है लोगों को इसका उपयोग करना चाहिए। महिला मंडल ढाक की अध्यक्ष ने सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर कई लोगो ने अपने विचार व्यक्त किया। रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि महिला कार्यवोझ को कष्ट मुक्ति के लिए सरकार को योजना बनानी चाहिए। इस कार्यक्रम में दीपिका डिगरी, जगदीश प्रसाद हटवाल, मोहन प्रसाद डिमरी, हरीश केरणी सरपंच ढाक कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया।