पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। बताया जा रहा है कि उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के चलते दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उत्तराखंड के पूर्व सीएम दिवंगत नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की शादी 11 महीने पहले ही हुई थी लेकिन पत्नी के साथ पहली सालगिरह मनाने से पहले ही दोनों का संग जिंदगी भर के लिए छूट गया।
कांग्रेस के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड जैसे सूबे के मुख्यमंत्री रहे स्व. एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी ने अपना हक पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। रोहित ने 2005 में अदालत में यह दावा किया था कि नारायण दत्त तिवारी उनके पिता हैं। नौबत डीएनए टेस्ट तक पहुंची, जिसमें रोहित की बात साबित भी हुई, हालांकि नारायण दत्त तिवरी हमेशा इस बात से मुकरते रहे, लेकिन अंतत: उन्हें रोहित को अपनाना पड़ा। अपने कानूनी लड़ाई के दिनों में रोहित ने कहा था कि ”मैं उनका नाजायज बेटा नहीं, वे मेरे नाजायज पिता हैं।”
नाजायज बेटा होने का जो दर्द रोहित शेखर ने सहा उसे भले ही साधारण कह दिया जाए लेकिन खुद को जायज बेटा साबित करने के लिए उन्होंने संघर्ष किया वो भारतीय समाज में असाधारण है। भारतीय समाज में किसी महिला का सार्वजनिक रूप से किसी रिश्ते की बात और विवाहेतर संबंध से बच्चे की बात स्वीकार करना बेहद असामान्य घटना है। लेकिन उज्जवला शर्मा ने इसे खुलकर स्वीकार किया और बेटे रोहित शेखर के साथ आपना हक पाने के लिए संघर्ष भी किया। इसी संघर्ष का नतीजा रहा कि उम्र के आखिरी पड़ाव में एनडी तिवारी को उज्जला शर्मा से शादी भी करनी पड़ी। हालांकि इस घटना को लेकर बाद में तमाम हास-परिहास होते रहे, लेकिन रोहित के संघर्षों ने समाज के सामने अलग मानक स्थापित किए।