उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले साल आयोजित टूर्नामेंट में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने पुरूस्कार वितरण किया था। दरअसल, इस टूर्नामेंट में अपनी धमक दिखाने के लिए युवराज सिंह को खलाड़ी गांव निवासी दो सगे भाईयों अंकित रावत और संदीप रावत ने अपनी लूट के मकसद को पूरा करने के लिए ही गांव के छोटे स्टेडियम में बुलाया था। दोनों ने युवराज को कार्यक्रम में बुलाकर यह धमक दिखाने की कोशिश की कि उनकी देश के बड़े क्रिकेटरों तक पहुंच है। अपने इस पहचान के दम पर गांव के एक भेडपालक को लूटने में वो कामयाब भी हो गए। अब जब युवराज सिंह को भी इन दो भाईयों की करतूत का पता चलेगा तो वो भी सायेद इनको माफ़ नहीं करेंगे। आगे पढ़िये पूरी कहानी क्या है-
उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के लिवाड़ी गांव निवासी हाकम सिंह ने पुरोला थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमे उन्होंने बताया कि पिछले साल मार्च में मिनी स्टेडियम पुरोला में आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात अंकित और संदीप नाम के दो भाईयों से हुई थी। तब अंकित ने उनके बेटे का आइपीएल की किसी टीम में चयन करानी की बात कही थी, इसकी एवज में उन्हें 70 लाख रुपये मांगे।
तहरीर में कहा गया कि बेटे की भविष्य की खातिर उन्होंने अपनी भेड़-बकरियां बेचकर और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर रुपयों का इंतजाम किया और अंकित के कहे अनुसार 70 लाख रुपये उसके बैंक खाते में जमा करा दिए। इस साल आइपीएल शुरू होने के पहले तक वह इसी इंतजार में थे कि शायद बेटे को आइपीएल से बुलावा आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तब उन्हें अपने साथ धोखाधड़ी का एहसास हुआ। इस बाबत उन्होंने अंकित और उसके भाई से संपर्क किया तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया और रकम मांगने पर वह मुकर गए।
उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि हाकम सिंह की तहरीर के आधार पर अंकित और संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि अंकित ने नोएडा में प्रीमियर लीग नाम से एक स्पोटर्स कंपनी खोली हुई है, इस कंपनी में उसने अपने भाई संदीप को बतौर सचिव रखा हुआ है। इसी की आड़ में वह बड़े क्रिकेटरों से मेलजोल बनाने का प्रयास करता था। उन्होंने बताया कि इनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।
ग्रामीणों की माने तो इन दोनों ने गांव की कुछ टीमों के बीच यह कहकर क्रिकेट प्रतियोगिता कराई थी कि जो इनमें बेहतर खेलेगा, उसे आइपीएल की टीम में रखवाएंगे। चर्चा है कि आरोपितों ने अपनी ऊंची पहुंच होने का झांसा देकर कई लोगों से उनके बच्चों को आइपीएल में चयन कराने का भरोसा दिलाकर रकम ऐंठी। पुलिस जांच कर रही है, और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।