
गोपेश्वर से महिपाल गुसाईं।
पिछले 16 दिनों से घाट विकासखंड की लाईफ लाईन माने जाने वाली नंदप्रयाग. घाट मोटर मार्ग का चौड़ीकरण, सुधारीकरण एवं डामरीकरण की मांग को लेकर चल रहे धरना, क्रमिक अनशन के प्रति शासन, प्रशासन के स्तर पर उपेक्षापूर्ण रवया अपनाए जाने के बाद क्षेत्रीय जनता ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। एक सूत्रीय मांग को लेकर घाट बाजार बंद रख एवं चक्का जाम कर आंदोलन को और भी उग्र करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
दरअसल पिछले 16 दिनों से नंदप्रयाग.घाट मोटरमार्ग को लेकर घाट प्रखंड की जनता आंदोलित हैं। इसके तहत लगातार घाट में धरना.प्रदर्शन के साथ ही क्रमिक अनशन जारी हैं। आंदोलन के प्रति शासन, प्रशासन के स्तर पर उचित कार्रवाई ना होता देख रविवार को घाट प्रखंड मुख्यालय में जहां बाजार पूरी तरह से बंद रहा वही तमाम सड़कों पर अवरोधक डाल कर चक्का जाम किया। आंदोलन स्थल पर सभी ब्यापारियों, टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों एवं क्षेत्रीय जनता ने आकर अपना समर्थन देते हुए सड़क के लिए आर.पार की लड़ाई लड़ने के लिए एक जुट होने की बात कही। यहां पर आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जब तक शासन प्रशासन द्वारा मांग पर उचित निर्णय एवं आश्वासन नही दिया जाता हैं, आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर 16दिन आज यशपाल नेगी अध्यक्ष टैक्सी यूनियन पुनियरा महादेव, मनोज कठैत अध्यक्ष टैक्सी यूनियन घाट, चरण सिंह नेगी अध्यक्ष ब्यापार मण्डल घाट, आलम राम अध्यक्ष तहसील घाट, अवतार भंडारी पूर्व महामंत्री घाट, हरेंद्र सिंह बिष्ट, हरीश रावत क्षेपंस घूनी हर्ष बर्धन देवराड़ी, चंद्रमोहन नेगी, अर्जुन सिंह रावत, संजय कठैत, प्रदीप सिंह नेगी, सुदर्शन नेगी, सुरेंद्र भंडारी, महाबीर बिष्ट, हरेंद्र सिंह, प्रधान चाका मोठा सुरेंद्र सिंह, अध्यक्ष ब्यापार संघ कांडई आदि क्रमिक अनशन पर बैठे। जबकि अध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस कमेटी सुखबीर रौतेला, ब्यापर मण्डल के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन सिंह रावत, मोख्तल्ला के प्रधान सुमेर सिंह नेगी, क्षेपंस दीपक रतूडी, ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह कठैत, सामाजिक कार्यकर्ता हरिप्रसाद पुरोहित, पूर्व जिपंस अनिता बिष्ट, सतेश्वरी देवी, टैक्सी यूनियन नंदप्रयाग अध्यक्ष प्रेम सिंह राणा, प्रधान लांखी रघुबीर सिंह फर्श्वान, क्षेपंस पेरी चंद्रसिंह नेगी आदि ने विचार व्यक्त किए।
इधर टैक्सी यूनियन घाट के अध्यक्ष मनोज कठैत ने कहा कि क्षेत्रीय जनता के द्वारा सड़क के सुधारीकरण की मांग पूरी तरह से जायज मांग हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 2017 के विधानसभा उपचुनाव के दौरान उन्होंने ही अपने चुनावी मंचों से इस सड़क को लेकर कई घोषणाएं की थीए किंतु चुनाव संपन्न होने के बाद अब वें ही मांग के प्रति ध्यान देने तक को तैयार नही हैं। ऐसे में मजबूरन क्षेत्रीय जनता को सड़कों पर उतरना पड़ रहा हैं। उन्होंने तत्काल मांग पूरी ना होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी हैं।