डोईवाला, (प्रियांशु सक्सेना)। जीवनवाला ग्राम सभा के फतेहपुर टांडा में अवैध प्लॉटिंग का दंश किसानों पर भारी पड़ रहा है। प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा सिंचाई की नहर बंद किए जाने से कई बीघा भूमि असिंचित हो गई है, जिसके चलते खेतों में खड़ी कई बीघा गन्ने की फसल सूख गई है। लगातार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होने से किसान नाराज़ और आक्रोशित हैं। फतेहपुर टांडा निवासी दिवंगत हरदयाल सिंह सैनी की खेती की जमीन में उनकी पुत्रवधू डिंपल सैनी गन्ने की फसल की देखभाल करती हैं। डिंपल सैनी ने बताया कि कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने कृषि भूमि खरीदकर वहां अवैध तरीके से प्लॉटिंग शुरू कर दी है। इसी दौरान उनके खेतों तक पहुंचने वाली सिंचाई की नहर को भी तोड़कर कब्जे में ले लिया गया, जिसके कारण गन्ने की पूरी फसल सिंचाई के अभाव में खराब हो गई है। स्थानीय किसान गुरदीप सिंह ने बताया कि यह नहर कई दशकों से किसानों की सिंचाई का प्रमुख स्रोत रही है। प्लॉटिंग करने वालों ने नहर को ध्वस्त कर पानी का प्रवाह पूरी तरह रोक दिया, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि करीब 09 बीघा में खड़ी गन्ने की फसल पानी न मिलने से सूख चुकी है। किसानों का कहना है कि कई विभागों और अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद अब तक किसी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अवैध प्लॉटिंग के कारण कृषि भूमि पर कंक्रीट का जंगल उगता जा रहा है। वहीं, नदी-नालों पर भी लगातार कब्जे किए जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण और जल प्रणाली दोनों पर खतरा मंडरा रहा है। किसानों का कहना है कि एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के दावे करती है, वहीं दूसरी ओर भूमि माफियाओं को संरक्षण देकर उनकी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रभावित किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वह आत्मघाती कदम उठाने से भी परहेज नहीं करेंगे।












