
फोटो. पुल के अभाव में वीरानी पड़ी नवनिर्मित मोटर सड़क एवं करोड़ों खर्च करने के बावजूद यातायात सुविधा के लिए तरसतें सुनाऊं क्षेत्र के गांव।
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिछले 7 वर्षों से पिंडर घाटी की एक मोटर सड़क पिंडर नदी में मोटर पुल के ना बन पाने के कारण सफेद हाथी साबित होती जा रही है। क्षेत्रीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा शासन स्तर पर पुल निर्माण की मांग उठाऐ जाने के बावजूद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जिससे ग्रामीणों में रोष पनपने लगा है।
दरअसल इस विकासखंड के अंतर्गत तीन से अधिक गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ने के लिए सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत सुनाऊं-देवलग्वाड़-पैनगढ़ मोटर सड़क की एक दशक पूर्व स्वीकृति प्रदान करते हुए बकायदा सड़क निर्माण का कार्य भी शुरू करवा दिया गया। वर्तमान में लगभग सड़क कटिंग के साथ ही दिवारों, स्कवरों सहित तमाम अन्य जरूरी निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में चल रहे हैं। बावजूद इसके इस सड़क पर वाहनों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। इसका सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण कारण इस सड़क को मुख्य मोटर सड़क से जोड़ने के लिए पिंडर नदी में बनाये जाने वाले पुल का निर्माण ना होना बना हुआ है।
बताया जा रहा हैं कि वर्ष 2013 में सुनाऊ, देवलग्वाड़ के ग्रामीणों की मांग पर शासन ने कुलसारी से सुनाऊं के बीच पिण्डर नदी पर 84 मीटर स्पान लौह मोटर सेतु के निर्माण के लिए 12.57 लाख की वित्तीय स्वीकृति देते हुए बकायदा 8 अगस्त 2013 को 10 हजार रुपए की टोकन मनी भी लोनिवि थराली को जारी कर दी गई थी। किंतु कुछ तकनीकी समस्याओं के चलते इस पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। इसके बाद जनता की मांग पर एक बार फिर से वर्ष 2018 में चिन्हित स्थान के पास ही निर्माण खंड लोनिवि थराली के द्वारा डेढ़ लेन लौह सेतु निर्माण के लिए 1147.56 लाख रुपए का आंगणन तैयार कर शासन को भेजा, जिस पर शासन ने पुनः 12.57 हजार रुपए की प्रथम स्वीकृति जारी कर दी। इस दौरान सर्वेक्षण का कार्य तो किया गया, किन्तु आज तक इस पुल पर निर्णय कार्य शुरू नहीं हो पाया। हालांकि इस दौरान पुल निर्माण के नाम पर इतना जरूर हुआ कि इस पुल के निर्माण के लिए अन्य एजेंसियों को हटा कर इसके निर्माण का जिम्मा वर्ल्ड बैंक की कार्यदायी संस्था को सौंप दिया गया। ताकि निर्माण में धनराशि की कमी आड़े ना आ सके। इससे क्षेत्रीय जनता में पुल निर्माण की आश हिलोरें मारने लगी। किंतु यह आशा एवं खुशी की लहर गुजरते समय के साथ निर्माण कार्य शुरू नहीं होने के कारण काफूर हो गई।
बताया जा रहा हैं कि पुल निर्माण की वित्तीय स्वीकृति के बावजूद भी मोटर पुल का निर्माण कार्य शुरू होना तो दूर रहा, कार्य का जिम्मा लेने वाला विभाग पुल का साइड सलैक्शन सहित अन्य रिपोर्ट तक तैयार नहीं कर पाया है।
इस दौरान क्षेत्रीय जनता लगातार शासन एवं प्रशासन के मंत्रियों से लेकर उच्चाधिकारियों से पुल का निर्माण कार्य शुरू करवाने के लिए अपने.अपने स्तरों पर पत्राचार करते आ रही हैं। किंतु उन्हें आज तक कोरे आश्वासनों के शिवाय कुछ भी हासिल नही हो पाया हैं। सुनाऊं के पूर्व क्षेपंस सुभाष पुरोहितएदलवीर बिष्ट घनानंद पुरोहितए सुरेंद्र राम आर्य आदि ने बताया कि पुल का निर्माण ना होने के कारण निर्मित मोटर सड़क किसी काम की नही रह गई हैं।एक तरह से पूरी सड़क सफेद हाथी साबित हो रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द मोटर पुल का निर्माण कार्य शुरू नही हुआ तो मजबूरन ग्रामीणों को जनांदोलन छेड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा।












