फोटो- श्री बदरीनाथ मंदिर का सिंहद्वार ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने से पूर्व पंच पूजाओं का शुभारंभ 15 नवबंर से होगा।
कलियुग पापाहारी भगवान श्री हरिनारायण के कपाट इस वर्ष शीतकाल के लिए आगामी 19नवबंर को होंगे। इससे पूर्व मान्य धार्मिक पंरपरानुसार पंच पूजाओं की प्रक्रियाएं विद्वान आचार्यो द्वारा संपादित की जाती है। पंच पूजाओं का शुभारंभ 15 नंवबर से होगा। पहले दिन 15 नवबंर को पूरे दिन भगवान गणेश की विशेष पूजाएं मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की मौजूदगी में सपंन्न होगी। और सायं को भगवान गणेश के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाऐगे। 16नवबंर को अलकनंदा व तप्तकुंड मार्ग पर विराजमान भगवान आदिकेदारेश्वर मंदिर मे अन्नकूट पूजा होगी और पूरे दिन पूजाओ के उपंरात सांय को आदिकेदारेश्वर भगवान के कपाट बंद किए जाऐगे।
17नवबंर से श्री बदरीनाथ धाम मे वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा। इससे पूर्व खडक/पुस्तक की पूजाऐं संपादित होगी। 18नवबंर को श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर मे विराजमान माता लक्ष्मी का विशेष पूजन होगा, और मुख्य पुजारी श्री रावल द्वारा इसी दिन माता लक्ष्मी को भगवान नारायण संग शीतकाल के छ महीनों के लिए विराजमान किए जाने का न्यौता भी दिया जाऐगा।
अगले दिन 19नवबंर को पूरे दिन भगवान नारायण का पुष्पों से श्रृंगार होगा, और कपाट बंद किए जाने से ठीक पहले मुख्य पुजारी श्री रावल स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को भगवान नारायण संग गृभ गृह मे विराजमान करेगे। और गृभ गृह से भगवान उद्धव व कुबेर के श्री विगृहों को निश्चित स्थानों के लिए प्रस्थान कराएगे। इन सब प्रक्रियाओं के उपरांत अपरान्ह टीक 3बजकर 35मिनट पर भगवान नारायण के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाऐगे।
20नवबंर को मुख्य पुजारी श्री रावल भगवान कुबेर व उद्धव की डोलियांे व आद्य जगदगुरू शंकराचार्य की पवित्र गददी के साथ पहले प्रवास पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगे। और 21नवबंर को शंकराचार्य की गददी के साथ जोशीमठ नृसिंह मंदिर मठागंण मे पंहुचेगे।
देवस्थानम बोर्ड की ओर से पंच पूजाओं व भगवान नारायण के कपाट बंद किए जाने की प्रक्रियाओं की तैयारियाॅ शुरू कर दी गई है। देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के अनुसार कोरोना महामारी के बावजूद चारों धामों मे श्रद्धालु पंुहचे। और उम्मीद है कि अब शीतकाल मे भी चारों धामो के शीतकालीन पूजा स्थलों मे भी श्रद्धालुओ का आवागमन बना रहेगा। देवस्थानम बोर्ड द्वारा निरंतर चारो धामों के शीतकालीन पूजा स्थलों की जानकारी विभिन्न माध्यमों से देश-विदेश के भक्तों तक पंहुचाई जा रही है।











