उत्तराखंड की लोक संस्कृति, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ धूमधाम से मनाया
देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने अपना 44वां स्थापना दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा प्रेस क्लब देहरादून में धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दल के केंद्रीय अध्यक्ष श्री काशी सिंह ऐरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि दल को अब नई दशा दिशा के रूप में नए सिरे से आगे बढ़ना होगा। दल में युवाओं और महिलाओं की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। श्री देव सुमन की 78वीं पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए ऐरी ने कहा कि सुमन के त्याग और बलिदान से हम सबको प्रेरणा लेनी होगी। दल उनकी शहादत को सलाम करता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में दल के प्रत्येक वरिष्ठ से लेकर आम कार्यकर्त्ता को अपनी अपनी जिम्मेदारी का वहन करना होगा। राज्य का सपना जो देखा था, अभी अधूरा पड़ा है। इसे पूरा हमें ही करना होगा तथा एकजुट होकर शहीदों के सपनों को पूरा कर सकते हैं। इससे पूर्व दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर दल के संस्थापक सदस्य श्री द्वारिका प्रसाद उनियाल व श्री कृपाल सिंह सरोज उपस्तिथ रहे। श्री द्वारिका प्रसाद उनियाल ने दल के निर्माण पर प्रकाश डाला तथा युवाओं और महिलाओं से आह्वान किया कि दल से जुड़ें व नेतृत्व करें।
इस अवसर पर दल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी भाषा में आयोजित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत दल की मातृ शक्ति मीना थपलियाल, चना थपलियाल, मालती पोखरियाल, कौनशा बेलवाल, कौशल्या बेलवाल, रंजना नेगी, मंजू बहुगुणा द्वारा मंगल गीत के द्वारा श्री गणेश भगवान की स्तुति देणा हुय्या खोली का गणेशाण्ण्ण् से प्रारम्भ हुआ। अन्य लोक गायक कलाकारों ने गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी गानों के माध्यम से समा बांध दिया। कविता रावत, सीमा मैंन्दोला, मंजू नौटियाल, लीला बिष्ट व मधु बेंजवाल से मधुर गाने गाये।
नवोदय कला मंच के कलाकारों ने समूह गायन व नृत्य के माध्यम से गढ़वाली कुमाउनी व जौनसारी गाने गाये गये। जिसमें रिमासी फूल, बारामासा गीत, पोसोतुकी भारा, सुंदरा छौरी, मैणा घस्यारी गीतों और नृत्य से सभी लोग झूम उठे। विपिन राणा व मंजू सुन्द्रियाल ने गाया
नृत्य कलाकारों में अभय बाल कृष्ण, मुकेश शर्मा, संतोष भट्ट, महिला कलाकारों में तनु, श्वेता, संतोषी ने अपनी प्रस्तुति दी।
वाध्य यंत्रों में गौतम सुंदली, सुशील, गोल्डी आदि ने प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन सुनील ध्यानी ने किया व कार्यक्रम के संयोजक श्री विजय बौडाई रहे।
दल की ओर से सभी लोक कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया कार्यक्रम में दल के संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार, बी डी रतूड़ी, सुरेन्द्र कुकरेती, डॉ शक्ति शैल कपरुवाण, ए पी जुयाल, देवेंद्र कंडवाल, बहादुर सिंह रावत, जय प्रकाश उपाध्याय, शांति भट्ट, गीता बिष्ट, रेखा मिंया, राजेश्वरी रावत, प्रताप कुंवर, विजेंद्र रावतव, दीपक गैरोला, राजेंद्र बिष्ट, अनिरुद्ध काला, उत्तम रावत, दीपक रावत, राजेंद्र गुसांईं मोहन असवाल, संजय डोभाल, गणेश काला, ब्रिज मोहन सजवाण, किरन रावत, सुलोचना ईष्टवाल, गिरीश मैंन्दोला, उत्तरा पंत बहुगुणा, संजीव भट्ट, मंजू काळूड़ा, उषा असवाल, देवी व्यास, गुलाब सिंह रावत, उपेंद्र सकलानी, दीपक सेमवाल आदि थे।