रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
सावन के दूसरे सोमवार को जनपद रुद्रप्रयाग के शिवालयों के साथ साथ, कोठगी सेम तोक के प्रसिद्ध पंचमुखी महादेव मन्दिर में भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही। लोग शिवलिंग पर गंगा जल, बेल पत्र चढाकर आशीर्वाद माँग रहे हैं। प्रकृति की सुंदर हरियाली के बीच में पंचमुखी महादेव का सुंदर मन्दिर अपने आप खींच कर यहां लाता है।
आज हम आपको बता रहे हैँ रुद्रप्रयाग जिले के तल्लानागपुर के दूरस्थ क्षेत्र कोठगी सेम तोक में अलकन्दा नदी के किनारे विराजमान पंचमुखी महादेव का अलौकिक, अदभुत, दिव्य मन्दिर है। जो कि सैकड़ों साल पहले से यहाँ स्थित है। यहां पर हजारों भक्त पंचमुखी महादेव, की पूजा.अर्चना, पाठ, जप, बेल.पत्र, अभिषेक करके भोलेनाथ से सुख, शांति व समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। भोले का प्रसाद लेकर अपने को धन्य मानते हैं।
मान्यता है कि पंचमुखी महादेव में विशेष कर संतान प्राप्ति हेतु लोग दूर .दूर से आकर यहाँ पर पाठ व जप करते हैं, जिससे उनकी मनोकामना पूरी होती है। ऐसे कई उदाहरण भी है, जिन्होंने यहाँ पर सच्चे मन से पूजा.पाठ की ओर उन्हें संतान प्राप्ति हुई है। सावन मास एंव शिवरात्रि पर यहाँ की पूजा विशेष महत्व है।
पूरे गढ़वाल मण्डल व जनपद रुद्रप्रयाग में पंचमुखी महादेव का यह अकेला मन्दिर हैएजो भी भक्त यहाँ पर आते हैं, उनकी मनोकामनाएं भोले पूरी करते हैं। इसलिए यहाँ पर महिलाए, युवा, उमड़ कर आते हैं। अलकनंदा नदी के किनारे एकांत क्षेत्र में स्थित यह मन्दिर है, यहाँ, पर कोठगी, भटवाड़ी, मदोला, कोटी, छिनका के साथ.साथ तल्लानागपुर, दशजुल्ला, रानीगढ, धनपुर आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
आचार्य हर्षबर्धन खाली एंव पण्डित विजय भूषण खाली कहते हैँ कि पंचमुखी महादेव मन्दिर का यह स्थान बहुत ही अलौकिक दिव्य है। बद्रीनाथ से चलकर अलकनंदा नदी जो कि पूररब से पश्चिम को बहती है इसी के किनारे पंचमुखी महादेव का दिव्य विराजमान हैं। पीपल, बटवृक्ष, आम कई प्रकार के सुंदर फूलो की वाटिका के बीच में यहाँ मन को शांति मिलती है। पवित्रता का यहाँ विशेष महत्व है।