‘डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को नई दिशा देने वाले अल्ट्रा मैराथन को लेकर लोगों में खूब जोश उमड़ रहा है. स्थिति यह है कि पर्यटन विभाग को आयोजन के लिए हो रहे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तक को रोकना पड़ा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं, जबकि इसमें प्रतिभागियों की संख्या व्यास वैली में मौजूद व्यवस्थाओं के लिहाज से सीमित ही रखी गई है. आदि कैलाश से शुरू होने वाली अल्ट्रा मैराथन दो नवंबर से शुरू होने जा रही है. इसे लेकर प्रदेश ही नहीं, देशभर में उत्साह का माहौल है. पर्यटन विभाग की उम्मीद से कहीं अधिक लोगों ने इसमें भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. अब तक करीब 1500 प्रतिभागियों ने आवेदन किया है, जिसके चलते फिलहाल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अस्थायी रूप से रोक दी गई है. पर्यटन विभाग अब यह आकलन कर रहा है कि प्रतिभागियों की संख्या कितनी बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि व्यास वैली क्षेत्र में ठहरने और खाने-पीने की सुविधाएं सीमित हैं. इसलिए उतने ही प्रतिभागियों को अनुमति दी जाएगी, जितनों के लिए वहां पर्याप्त व्यवस्थाएं संभव होंगी. यह अल्ट्रा मैराथन आदि कैलाश से शुरू होकर कालापानी होते हुए गूंजी तक जाएगी. इस मार्ग की ऊंचाई लगभग 10,000 से 15,000 फीट तक है, जो प्रतिभागियों के लिए एक रोमांचक और चुनौतीपूर्ण अनुभव होगा. प्रतिभागियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग ने भारतीय सेना और आईटीबीपी के साथ समन्वय स्थापित किया है. ठहरने, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी की जा रही है.व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पर्यटन सचिव स्वयं व्यास वैली पहुंच रहे हैं. सेना, आईटीबीपी और जिला प्रशासन के सहयोग से चिकित्सकीय टीम और स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत की जा रही हैं. साथ ही हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है. अल्ट्रा मैराथन में देश के 20 राज्यों से प्रतिभागी शामिल होंगे. स्थानीय लोग भी इस आयोजन को लेकर उत्साहित हैं. प्रतिभागियों को उत्तराखंड की संस्कृति से परिचित कराने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. साथ ही स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जाएगा. यह आयोजन न सिर्फ उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि आदि कैलाश और व्यास वैली क्षेत्र को भी देश-विदेश में नई पर्यटन पहचान दिलाने का कार्य
लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं*