भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के जवान रणजीत सिंह चौहान के 38 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति होने पर पैतृक गांव पिलखी में भव्य स्वागत किया गया। ज्योतिरमठ उत्तराखंड शौर्य और पराक्रम के लिए जाना जाता है सरकार के द्वारा भी भारतीय सेना और अर्धसैनिक को काफी सम्मान दिया जाता है आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता बढ़ गई है इन दोनों कई सैनिक सेवानिवृत हुए हैं
इसमें उर्गम घाटी के पिलखी भेंटा पंचायत के रणजीत सिंह चौहान भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस में 38 वर्ष की सेवा करने के बाद सेवानिवृत हुए हैं सेवानिवृत्ति के बाद अपने पैतृक गांव पिलखी पहुंचने पर लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया फूल मालाओं के साथ भूतपूर्व सैनिक का भरपूर सम्मान किया ।भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के सुनील आईटीबीपी के जवान रणजीत सिंह चौहान को छोड़ने के लिए उनके पैतृक गांव पिलखी तक पहुंचे और यहां पर एक छोटी सी जनसभा की गई जिसमें रणजीत सिंह ने अपने 38 वर्षों के भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस में सर्विस के दौरान किए गये कार्यों के अनुभवों को साझा किया। इसके अलावा उन्होंने देश में अलग-अलग हिस्सों में जाकर के जो सेवा का काम किया उसके अनुभव भी बताये। इस अवसर पर विचार रखने वालों में शंकर सिंह नेगी, भूतपूर्व सैनिक नंदा सिंह नेगी एवं लक्ष्मण सिंह नेगी प्रधान संघ के पूर्वअध्यक्ष जोशीमठ ने अपने विचार रखें यहां पर कार्यक्रम में सम्मिलित होने वालों में विनीता पंवार महेश्वरी देवी, दीपा देवी, अंजनी देवी, कुंवर सिंह, बलवीर सिंह, डॉ अनूप नेगी, बलवंत सिंह, अमर सिंह नेगी आदि लोगउपस्थित थे।