उत्तराखंड : मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद राज्य आंदोलनकारियों का मुख्यमंत्री आवास घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम हुआ स्थगित
आपको बताते चले कि पूर्व घोषणा के तहत अपनी 09 सूत्रीय मांगो को लेकर राज्य आंदोलनकारी मंच के आव्हान पर 24–दिसम्बर को मुख्यमंत्री घेरा डालो डेरा डालो कूच की तैयारी थी जो वार्ता के उपरान्त प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के दिए आश्वासन के बाद सरकार को एक माह का समय तक स्थगन किया। जगमोहन नेगी ने कहा कि आप 10% आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी करे या अध्यादेश जारी करआदेश जारी करे। हमने कहा कि जिस प्रकार मातृ शक्ति के लिए व्यवस्था बनाई गई उसी के तहत राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण की व्यस्था बनाई जाए। साथ ही कहा कि जब लगातार भर्ती निकल रही है और जब पद ही समाप्त हो जायेंगे तो ये 10% का हमारे लिए कोई महत्व नहीं रह जाएगा।
माननीय मुख्यमंत्री ने पुनः सुबोध उनियाल जी वाली कमेटी का जिक्र करते हुए कहा कि कमेटी शीघ्र अपना निर्णय देगी। अम्बुज शर्मा ने कहा कि सचिव द्वारा पूरी फाइल बनाकर रखी हुई है उनके अनुसार निर्णय मुख्यमंत्री जी को लेना है इस पर उन्होंने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल जी को अधिकृत कमेटी के लिए पुनः स्मरण दिलाया और कहा कि सब अच्छा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा आप घैराव भी नहीं करोगे तो भी मेंने राज्य आंदोलनकारियों के लिए कार्य किया और आगे भी करूंगा। मेने पेंशन बधाई , मेडिकल कालेजों में चिकित्सा सुवधा और अन्य कार्य भी किए है जो जारी रहेंगे।
सुशीला बलूनी और उर्मिला शर्मा ने चिन्हीकरण का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि आपके आदेश के बावजूद जिलाधियारियो ने किसी जिले में परिणाम नहीं दिए और तो और देहरादून और हरिद्वार में कमेटी के निर्णय के बाद भी सूची आज तक जारी नही की। इस मुख्यमंत्री ने आगे कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया।
प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि आप सर्व प्रथम 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र जी का बने भू कानून को तत्काल निरस्त करे ताकि बची हुई भूमि बचाई जा सके साथ ही अभी तक भू कानून कमेटी का निर्णय सरकार लेकर आई।