हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी की पिंडर क्षेत्र थराली की इकाई ने वन विभाग के द्वारा तीन, चार पीढ़ीयों से वन क्षेत्र में रह कर अपना जीवनयापन कर रहे ग्रामीणों को वन विभाग के द्वारा वन भूमि खाली करने के विरोध में तहसील कार्यालय थराली में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा जिसमें तत्काल नोटिसों को वापस ले कर भूमि का नियमितकरण किए जाने की मांग की हैं। राष्ट्रपति को भेजें एक अन्य ज्ञापन में केंद्र सरकार के द्वारा पिछले दिनों पारित बजट को जनविरोधी बताते हुए केंद्र सरकार को वैकल्पिक बजट सदन में पेश करने का निर्देश देने की मांग की हैं।
सोमवार को मार्क्सवादी के जिला मंत्री मदन मिश्रा एवं थराली के सचिव ललित मिश्रा के नेतृत्व में थराली एवं देवाल के ऐसे ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय पर प्रदर्शन किया जो पीढीयों से वन भूमि में निवासरत हैं और पिछले महीने उन्हें वन विभाग के द्वारा वन भूमि खाली करने के आदेश दिए हैं। आंदोलनकारियों ने सरकार पर भूमिहीनों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उत्पीड़न का आरोप लगाया है।इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन तहसील कार्यालय को सौंपा जिसमें कहा गया है कि देवाल एवं थराली के ऐसे सैकड़ों परिवारों को जो कि तीन,चार पीढ़ीयों से वन क्षेत्र में रह कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं उन्हें वन विभाग के द्वारा भूमि खाली करने के निर्देश दिए हैं जोकि गलत है। ज्ञापन में केंद्र सरकार के 2006 में जारी एक अधिनियम जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति एवं वन क्षेत्र में निवासरत निवासियों को नियमित किए जाने की बात की हैं उसे राज्य में लागू करने की मांग करते हुए तत्काल जारी नोटिसों को वापस लेने एवं कब्जाधारियों को नियमित किए जाने की मांग की गई हैं।इसके अलावा तहसील कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेज कर पिछले दिनों भारत सरकार के द्वारा जारी आम बजट को जनविरोधी बताते हुए कहा है कि बाम दल इस बजट का विरोध करते हैं उन्होंने राष्ट्रपति से केंद्र सरकार को जनता की आवश्यकता के अनुरूप वैकल्पिक बजट तैयार कर सदन में पेश करने के निर्देश देने की मांग की हैं।इस मौके पर वन भूमि को खाली करने के नोटिस प्राप्त करना बाली राम, धर्म सिंह, जयवीर सिंह, बलवंत सिंह, भुवन गुसाईं,हीरा राम,तोता राम,बीना देवी,बिमला देवी,साकुली देवी सहित कई अन्य लोगों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।