फोटो- आल वैदर रोड को लेकर जनभावनाओं से सीएम को अवगत कराते बीकेटीसी के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। आल वैदर रोड को जोशीमठ के नृसिंह मंदिर होते हुए ही निर्मित किए जाने को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से भंेट कर सीमांत वासियों की भावनाओ से अवगत कराया।
देहरादून मे रविबार को सीएम से मुलाकात का ब्यौरा देते हुए बीकेटीसी के अध्यक्ष श्री थपलियाल ने बताया कि उन्होने सीएम को आॅल वैदर रोड के संबध मे विस्तार से जानकारी देते हुए धार्मिक पक्ष भी रखा। कहा कि उन्होने स्पष्ट कहा कि भगवान बदरीनाथ के दर्शनो से पूर्व जोशीमठ स्थित भगवान नृसिंह के दर्शनो की पौराणिक पंरपरा है। जिका उल्लेख शास्त्रों मे भी है। इसके अलावा जोशीमठ सीमंात क्षेत्र का एक प्रमुख नगर है और पूरे पैनख्ंाडा का तहसील व ब्लाक मुख्यालय भी जोशीमठ नगर मे ही है। श्री थपलियाल ने सीएम को अवगत कराया कि यदि आॅल वैदर रोड जोशीमठ से नही जुडती है तो इसका धार्मिक प्रभाव तो पडेगा ही सीमांत नगर से पलायन भी तेजी से होगा और लोगो की आजीविका पर भी इसका असर होगा।
श्री थपलियाल ने जोर देकर कहा कि आद्य जगदगुरू शंकराचार्य की तपस्थली ज्येार्तिमठ-जोशीमठ के अस्तित्व को बचाने के लिए केद्र्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना चारधाम आॅल वैदर रोड से सीमांत धार्मिक एवं पर्यटन नगरी जोशीमठ को पूर्ववत जोडे रखे जाने की मांग की।
बीकेटीसी के अध्यक्ष तथा भाजपा चमोली के जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने दूरभाष पर बताया कि मुख्य मंत्री ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से सुना और बीते 28दिनो से आंदोलन कर रहे जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को आगामी 9अक्टूबर को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। साथ ही एनएच के अधिकारियों को बैठक मे आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए गए है।
बताते चले कि जोशीमठ के अस्तित्व को बचाने के लिए इससे पूर्व एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के नेतृत्व मे केन्द्रीय संडक परिवहन एंव राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिल चुका हैं। इसके अलावा एक प्रतिनधि मंडल ने गैरसैण विधानसभा सत्र के दौरान गैरसैण पंहुचकर सीएम से भी मुलाकात की। और तब गुलाबकोटी से पैनी तक सडक की सर्वे किए जाने का फार्मूला भी तय हुआ था। लेकिन इन सबके बाद सडक परिवहन मंत्रालय द्वारा न केवल हेलंग-मारवाडी वाईपास के लिए भूमि अधिग्रहण का नोटिस समाचार पत्रों मे प्रकाशित कराया ब्लकि जनसुनावाई का कार्यक्रम मे पूरा कर लिया।
अब देखना होगा कि आगामी 9अक्टूबर को सीएम के साथ संघर्ष समिति की प्रस्तावित वार्ता के बाद कौन सा सर्वमान्य हल निकलता हैं इस पर 28दिनो से आंदेालन कर रहे नागरिको के साथ पूरे सीमांत क्षेंत्र की निगाहे टिकी रहेगी।