
गैरसैंण स्थायी राजधानी आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण तहसील में सैकडों कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तारी दी। प्रदेश भर से पहुंचे कांग्रेसियों ने रामलीला मैदान में भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में जोरदार नारेबाजी करते हुए आंदोलनकारियों को तुरंत रिहाई की मांग की।
हरीश रावत प्रातः लोनिवि अतिथि गृह में पहुंचे जहां पूर्व विधायक डा0 ए पी मैखुरी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने हरीश रावत और उनके साथ पहुंचे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोबिंद सिंह कुंजवाल, मदन बिष्ट, विधायक करन मेहरा, नैनीताल की पूर्व विधायक सरीता आर्य, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण मालाओं और बाजेगाजे के साथ भव्य स्वागत किया। फिर जुलूस की शक्ल में
सैकडों कांग्रेसी नारेबाजी करते हुए रामलीला मैदान में पहुंचे और सभा को बारी बारी से संबोधित करते रहे। सभा को पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी, पूर्व डिप्टी स्पीकर डा ए पी मैखुरी, ललित फर्स्वाण, सरीता आर्य, पी सी सी के जोतसिंह बिष्ट, देवेंद्र झिंक्वाण, मुकेश नेगी, ईश्वरी बिष्ट, पूर्व विधान सभा स्पीकर गोबिंद सिंह कुजवाल, पूर्व राज्य मंत्री सुरेश कुमार बिष्ट, सुरेंद्र सिंह बिष्ट आदि वरिषठ कांग्रेसियों ने संबोधित किया।
अपने संबोधन में हरीश रावत ने कहा कि ढाई साल के कार्यकाल में भाजपा ने प्रदेश के बुरे हाल कर दिये हैं। पहाड खाली हो रहे है पलायन आयोग खुद ही पलायन कर गया है जो चिंता का विषय है। राज्य सरकार ने जिस प्रकार से आंदोलनकारियों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया है वह सहनीय नहीं है। जिस राज्य निर्माण के लिए शहीदों ने
प्राणों की बाजी लगाई है, उसकी की स्थिति आज ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह भराडीसैंण में सचिवालय के लिए 45 करोड की राशि स्वीकृत कर गये थे जो आज पीएलए में पड़े हैं। सरकार सचिवालय गैरसैंण में नहीं देहरादून में बनाने का प्रयास कर रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुरसाडी जेल में बन्द आंदोलनकारियों को रिहा किया जाय नहीं तो उन्हें भी बन्दी बनाया जाय।
अपराह्न 2 बजे रामलीला मैदान से जुलूस की शक्ल में बाजे गाजे फूलमालाओं के साथ हरीश रावत के नेतृत्व में लगभग तीन सौ कांग्रेसी तहसील गैरसैंण में भारी सुरक्षा के बीच गिरफ्तारी देने पहुंचे। हरीश रावत दमाऊ गले में डालकर बजाते हुए चल रहे थे। तहसील भवन की सीढ़ियों में अपनी गिरफ्तारी के लिए बैठकर कांग्रेसियों ने रामधुन गायी। साढ़े 3 बजे कर्णप्रयाग के
उपजिलाधिकारी देवानंद शर्मा और सी ओ पुरूषोत्तम दत जोशी को गिरफ्तारी देने वाले 116 लोगों की सूची सौंपी गई जिंहे सांकेतिक रूप से हिरासत में ले कर रिहा किया गया।
लेकिन हरीश रावत ने कहा कि जब तक वह आंदोलनकारियों की रिहाई की कार्यवाहीं से आश्वस्त नहीं हो जाते हैं वह परिसर में ही बैठे रहेंंगे, इस दौरान उन्होंने पूर्व में गिरफ्तार आंदोलनकारियों की रिहाई के लिए जिलाधिकारी से भी फोन पर वार्ता की । इस दौरान प्रदेश के विभिन्न हिसों से आये हुए कार्यकाता मौजूद थे।