रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
कहते हैं किसी भी क्षेत्र, जिले व राज्य का विकास देखना हो तो वहाँ की सड़कों, रास्तों से ही अंदाजा लग जाता है कि यहां कितना विकास हुआ होगा और वहाँ कि जनता की सक्रियता का भी पता चल जाता है।
आज हम आपको जनपद रुद्रप्रयाग की विकास खण्ड अगस्त्यमुनि के तल्लानागपुर एंव दसज्यूला क्षेत्र को जोड़ने वाली एक मात्र सड़क चोपडा .गढीधार की जमीनी तस्वीर बता रहे कि यह सड़क पिछले कई वर्षो से घटिया डामरीकरण के चलते बदहाल पड़ी है। जब आप इस सड़क से गुजरोगे तो आपको यह भी एहसास नहीं होगा कि आप सड़क पर चल रहे हो या सड़क गड्डों में चल रही है। आखिर कौन है दोषी जनता, ठेकेदार, विभाग या जनप्रतिनिधि?
जनपद मुख्यालय के नजदीकी क्षेत्र होने के बाद भी जिला प्रशासनए संबंधित विभागीय अधिकारियों ने ऐसी जहमत नहीं उठाई कि एक बार इस सड़क पर चलकर तो देखे। साथ ही हैरान करने वाली बात यह भी है कि चोपडा से गढीधार तक का क्षेत्र दो विधानसभाओं के विधायकों के कार्य क्षेत्र में भी आता है। हालांकि वोट के लिए जनप्रतिनिधि रोज इसी मार्ग से गुजरते रहे। वादे दावे भी खूब किये मगर पिछले 10 सालों से सड़क की सुध किसी ने नहीं ली।
वहीं आपको बताते चले कि आजकल दसज्यूला क्षेत्र मे वर्षो बाद यहाँ कि आराध्य देवी माँ चण्डिका की बनियाथ चल रही है? जिसका कि आज समापन होने जा रहा है। हजारों लोग हर रोज धार्मिक आस्था पर विश्वास करते हुए इस क्षेत्र मे आते.जाते रहे। सड़क पर उखड़े डामरीकरण से बने बड़े.बड़े गढढ़ो मे हिचकोले खाते गये, पर बोलने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई। सबने भगवान के भरोसे ही सड़क सुधारीकरण को छोड़ दिया।
वहीं भाजपा तल्लानागपुर मण्डल के पूर्व अध्यक्ष सचेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि जब वें बीते रोज बुधवार को चोपडा.गढीधार सड़क से दसज्यूला महड मे कुछ लोगो के साथ माँ चण्डिका की बनियाथ मे शामिल होने जा रहे थे, तो सड़क के बुरेहाल देखकर हैरान हुआ हूँ। इस सड़क में रोज सैकड़ों ग्रामीण गुजरते हैँ, आखिर क्यों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैँ? यह एक गंभीर सवाल क्षेत्र की जनता से लेकर जनप्रतिनिधियों पर भी खड़ा उठता है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य कहे या सौभाग्य कि रुद्रप्रयाग से गढीधार दसज्यूला की क्षेत्र केदारनाथ विधानसभा व रुद्रप्रयाग विधानसभा के अंतर्गत आता हैँइसके बाद भी इस सड़क के बुरेहाल हैं तो इससे बड़ी अनदेखी क्या हो सकती है।
वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि वास्तव मे इस सड़क की स्थिति खराब है, इसके लिए हमारे विभाग द्वारा सीएसआर के माध्यम से सुधारीकरण का प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही पीएमजीएसवाई विभाग के द्वारा भी प्रस्ताव भेजा गया है, जहाँ से भी बजट की स्वीकृति पहले आती है, वहीं विभाग जल्द ही सड़क सुधारीकरण का कार्य करेगी। इसमें 2 से 3 माह का समय लग सकता है, हालांकि विभागीय अधिकारियों का वहीं रटा रटाया जवाब आता है कि इसके लिए प्रपोजल भेजा गया है। जल्द सुधारीकरण किया जायेगा, मगर 10साल बीत गये पर सड़क का सुधारीकरण आज तक जस का तस है। लोग जान जोखिम मे डाल कर सफर करने को विवश हैँ। शासन/प्रशासन भी किसी बड़े हादसे होने का इंतजार करता नजर आ रहा है।
इसको लेकर पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत भण्डारी, प्रधान देवेन्द्र जग्गी, सामाजिक कार्यकर्त्ता देवेन्द्र चमोली, पूर्व प्रधान कुरझण रितेश पाण्डे, पूर्व मण्डल अध्यक्ष हीरा सिंह नेगी, सामाजिक कर्ता सुदर्शन नेगी आदि का कहना है कि क्षेत्रीय जनता अपने को हर बार ठगा सा महसूस करती आ रही, लोगों का आरोप है पूर्व से लेकर वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने इस सड़क को गंभीरता से लिया ही नहीं, अब आखिर में जन आंदोलन ही एक विकल्प बचा है।