फोटो– कपाट खुलने से पूर्व बदरीनाथ में यात्रा व्यवस्था तैयारियों का निरीक्षण करते समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भगवान बदरीनारायण अब 6 माह तक देंगे श्रद्धालुओं को दर्शन। 10मई को खुलेगे श्री हरिनारायण के कपाट। यात्रा की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
भू-वैकंुंठ धाम मे विराजमान कलियुग पापाहारी भगवान बदरीविशाल के कपाट आगामी दस मई को खुल रहे है। इसके बाद से छ माह तक भगवान नारायण मानव दर्शन के लिए उपलब्ध रहेगे। बदरीनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर विगत माह से कसरत शुरू हो गई थी। कपाटोदघाटन समारोह भब्य हो इसके लिए बदरी-केदार मंदिर समिति भी ब्यापक तैयारियाॅ कर रही है। मंदिर समिति का चालीस सदस्यीय दल गत 14अप्रैल से ही बदरीनाथ मे मौजूद है जहाॅ वे बर्फ हटाने से लेकर मरम्मत व रंग-रोंगन के कार्यो को अंतिम रूप दे रहे है।
भगवान बदरीनारायण के कपाट खुलने व बंद होने की भी विशिष्ठ पंरपरा है जो अनादिकाल से ही चली आ रही है। कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी पर्व पर टिहरी नरेश के दरबार मे टिहरी नरेश की मौजूदगी मे राजपुरोहित द्वारा घोषित की जाती है। वही शीतकाल के छ महीनो के लिए कपाट बंद किए जाने की तिथि श्री बदरीनाथ धाम मे मुख्य पुजारी श्री रावल की मौजूदगी मे बदरीनाथ के धर्माधिकारी द्वारा की जाती है।
कपाटोदघाटन पर बदरी-केदार मंदिर समिति का भी प्रयास है कि अंखड ज्योति के दर्शनों के लिए पंहुचने वाले हजारो श्रद्धालुओ को बेहतर दर्शन हो सके। इसके लिए रूप -रेखा तैयार की जा रही है। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल के अनुसार बदरीनाथ व केदारनाथ यात्रा को लेकर समिति द्वारा सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले दिन दोनो धामो मे पंहुचने वाले तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कते न हो इसके लिए सभी प्रकार के प्रयास किये जा रहे है।
कहा कि बदरीनाथ धाम मे समिति के आवासीय परिसरों को दुरस्त कर लिया गया हैं। अंखड ज्योति के दर्शनो व महाभिषेक पूजाओ के लिए एडवाॅस बुकिंग आ रही है। इसके अलावा यात्रा मार्गो ऋषिकेश से गौरकुड व जोशीमठ तक के यात्री विश्राम गृहो को सुसज्जित कर लिया गया है।
समिति के अध्यक्ष श्री थपलियाल ने कहा कि पहले दिन धाम मे पंहुचने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर दर्शन हो इसके लिए स्थानीय लोगो का भी सहयोग बेहद आवश्यक है। कहा कि बदरीनाथ व केदारनाथ दोनो अधिष्ठानो के अधिकारियों/कर्मचारियों की बैठक लेकर उनसे सेवा भाव से कार्य करने की अपेक्षा की गई है। मंदिर समिति का भरसक प्रयास होगा कि दोना धामो मे पंहुचे तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कते न हो और वे आसानी से दर्शन का पुण्य लाभ अर्जित कर अन्य लोगो को भी बदरी-केदार पंहुचने के लिए प्रेरित करे।