फोटो-बामणी गाॅव बदरीनाथ में भालुओं के आतंक से निजात दिलाने के लिए पैट्रोलिंग करते वन कर्मी।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। बामणी गाॅव-बदरीनाथ में भालुओं के आंतक से निजात दिलाने के लिए वन विभाग की टीम मौके पर पंहुची। एक सप्ताह तक करेगी पैट्रोलिंग।
शीतकाल के दौरान भगवान नारायण के कपाट बंद होने के बाद निकटवर्ती गाॅव बामणी के निवासी भी अपने ग्रीष्मकालीन गाॅव पांडुकेश्वर पंहुचते हैं। लेकिन इस बार बामणी गाॅव में भालुओं ने आतंक मचाया हुआ है। बीते दिनों गाॅव के कुछ ग्रामीण अपने घरों को देखने के लिए बदरीनाथ-बामणी पंहुचे तो घरांे में हुए नुकसान को देखकर दंग रह गए। भालुओं ने कई घरों को अपना निशाना बनाते हुए राशन तो चट किया ही। कपडों तक को नोच-नोच कर फाड डाले। कई घरों के तो दरवाजांे के साथ खिडिकियाॅ भी भालुओं ने तोड डाली।
बामणी गाॅव मे भालुओ द्वारा किए गए नुकसान की सूचना ग्रामीणों ने फूलों की घाटी रैंज गोंविद घाट पंहुचकर दी। जिस पर वन क्षेत्राधिकारी द्वारा सात सदस्यीय टीम का गठन कर उन्है मौके पर भेजा गया ।
फूलों की घाटी रैंज के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती के अनुसार बामणी गाॅव मे भालुओ ने काफी नुकसान किया है। करीब 22घरो को भालुओ ने निशाना बनाया। भालुओ के झुण्ड को भगाने के लिए सात सदस्यीय वन कर्मियों की टीम को वन दारोगा दर्शन सिंह बत्र्वाल के नेतृत्व मे भेजा गया है। जो एक सप्ताह तक वहाॅ रहकर नाइट पैट्रोलिंग करेगी। उन्होने बताया कि वहाॅ पाॅच भालुओ के झुण्ड को ट्रैस किया गया है। जिन्है जंगलो की ओर भगान के लिए वन कर्मियों के पास पर्याप्त मात्रा मे पटाखे दिए गए है, तथा भालुओ के ट्रैक रूट को चिन्हित करते हुए हवाई फायर के भी निर्देश दिए गए है। वन कर्मी कडाके की ठंड व बर्फबारी के बीच पैट्रोलिंग कर रहे है।