फोटो–सीमांत क्षेत्र जोशीमठ मे गरीब व निर्धन को कंबल बांटते विवेकानंद युवा केन्द्र के सचित डीपी देवली।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ । विवेकानंद युवा केन्द्र जोशीमठ विगत दस वर्षो से समाज मे उल्लेखनीय कार्य करते हुए युवावों को स्वामी विवेकानंद के बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहा है।
दस वर्ष पूर्व जोशीमठ मे स्वामी विवेकानंद युवा केन्द्र की स्थापना हुई और तब से लेकर लगातार इस केन्द्र द्वारा जहाॅ नौनिहालों को कंप्यूटर शिक्षा, महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण स्पोकन इंगलिश, कैरियर काउंसलिंग कर महिलाओ व युवावों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा मे कार्य कर रहा है। वही केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष शीतकाल मे निर्धन व गरीबो को गर्भ वस्त्र व कंबल वितरण का कार्य भी कर रहा है। केन्द द्वारा प्रतिवर्ष गरीब व अनाथ विद्यार्थियो के लिए पठन-पाठन सामग्री का वितरण भी किया जाता रहा है।
विवेकांनद युवा केन्द्र जोशीमठ द्वारा विगत दस वर्षो से अनवरत सीमावर्ती क्षेत्र के विद्यालयों के छात्र-छात्राओ के बीच पेंिटंग, निबंध, सामान्य ज्ञान, भाषण व वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता हैं। और अब्बल निकलने वाले छात्र-छात्राओ को राष्ट्रीय युवा दिवस पर पुरूष्कारों से नवाजा जाता है। विवेकानंद युवा केन्द्र का संचालन मुख्य बाजार के नजदीक होने से युवा व छात्र विवेकान्द लाइब्रेरी का भी लाभ उठाकर ज्ञान अर्जन कर रहे है।
सीमांत नगर मे इस प्रकार के प्रयास करने वाले विवेकानंद युवा केन्द्र के सचिव डीपी देवली के अनुसार उन्होने भी स्वामी विवेकानंद की जीवनी का बारीकी से अध्ययन कर इस दिशा मे चलने का एक प्रयास किया है। और पिछले दस वर्षो से सीमित आर्थिक संसाधनो के वावजूद वे युवा महोत्सव से पूर्व निरंतर विद्यालयो मे प्रतियोगिताओ का आयोजन करवा रहे है। श्री देवली ने कहा कि उन्है इस कार्य मे उनके सहयोगी हरीश डिमरी के अलावा सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज को प्रधानाचार्य शंभूप्रसाद चमोला, संस्कृत महाविद्यालय के प्रवक्ता द्रवेश्वर प्रसाद थपलियाल, राजकीय महाविद्यालय जोशीमठ के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा0चरण सिह राणा के अलाव सभी विद्यालयो व समाजसेवियों का सहयोग व मार्गदर्शन मिला और सबकी प्रेरणा से वे विवेकांनद युवा केन्द्र पिछले दस वर्षो से अनवरत समाज मे युवावो के प्रति कुछ कर पाने मे सफल हो रहा है। श्री देवली ने कहा कि उनका प्रयास है कि विभिन्न प्रकार के प्रतियोगात्मक परीक्षाओ व स्वामी विवेकांनद की जीवनी का ज्ञान अर्जित को युवा सही मार्ग की ओर अग्रसर हो सके और राष्ट्र निर्माण मे अपनी अहम भूमिका निभा सके।