फोटो–बाण व पोशाक से पूर्व पांडव नृत्य करते पश्वा ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। पांडव मंचन शुरू। कल-आज से बाण व पोशाक के साथ पांडव नृत्य होगा। सीमंात धार्मिक एंव पर्यटन नगरी जोशीमठ के मठागंण मे पौराणिक पंरपरानुसार पंाडव नृत्य का आयोजन शुरू हो गया। शुक्रवार को मठागंण मे हवन के बाद अग्नि प्रज्जवलित की गई। और इसके बाद पांडव के पश्वाओं ने नृत्य किया।
यूॅ तो देवभूमि उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलो मे प्रतिवर्ष पांडव लीलाओ का आयोजन होता है। लेकिन जोशीमठ नगर के शहरी वातावरण के वावजूद यहाॅ के स्थानीय युवावो द्वारा इस परंपरा को पुर्नजीवित कर चार वर्ष पर्वू इसकी शुरूवात की थी। स्थानीय बुजुर्गो के मार्गदर्शन मिलने के उपरंात पांडव के अस्त्र-श़स्त्र वाले स्थान की तलाश की गई और उस स्थल पर पांडव का एक भब्य मंदिर का निर्माण किया गया। इसके बाद पांडव लीला मे प्रयोग होने वाले सभी अस्त्रो का नव निर्माण किया गया। प्रथम वर्ष सेलंग के अर्जन के पश्वा मुरली सिंह के दिशा निर्देशन मे पांडव के पश्वा का अवतरण हुआ । और उसके बाद नृत्य की शुरूवात हुई। जोशीमठ की पौराणिक पंरपरा रही है कि एक वर्ष पांडव नृत्य व अगले वर्ष जाख देवता का भ्रमण । इसी क्रम को जारी रखते हुए धार्मिक आयोजन करने वाली देव पुजाई समिति द्वारा इस वर्ष पांडव नृत्य का आयोजन शुरू किया गया है।
शुक्रवार को मंठागण मे नवदुर्गा के पश्वा भोला सिंह नामंण, भुवनेश्वरी के पश्वा आदित्य भूषण सती,,नंदा के पश्वा प्रताप सिंह परमार व दाणी देवी के पश्वा अकिंत मेहरा के मार्ग दर्शन मे क्षेत्र बंधन व हवन आदि की क्रियाएं संपादित हुई। रविबार को पांडव मंदिर से पांडवो के बाण-अस्त्र-शस्त्र पांडव नृत्य स्थल नृसिंह मंदिर मठागंण पंहुचेगे और उसके बाद लगातार नौ दिन व नौ रात्रि तक पंाडव नृत्य का आयोजन होगा। नौ दिवसीय पंांडव नृत्य के दौरान गेडंा बध मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा।
देव पुजाई समिति के सचिव उमेश सती, कोषाध्यक्ष विजय डिमरी, लोअर बाजार वार्ड के सभासद गौरव नंबूरी,, लक्ष्मी सती , रोहित परमार, जयदीप भटट, बीरेन्द्र सिंह नेगी, सहित देव पुजाई समिति से जुडे सभी युवा पांडव नृत्य आयोजन की ब्यवस्थाओं मे जुटे है।
शहरी वातावरण के वावजूद देव पुजाई समिति द्वारा अनवरत धार्मिक पौराणिक पंरपराओ के निर्वहन मे बदरी-केदार मंदिर समिति का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।