डॉ दीपक कुमार सेमवाल
फाइटोकेमिस्ट्री विभाग, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून
पुस्तक समीक्षा–1
शीर्षक:Fundamentals of Chemistry-I: Integrating Concepts & Principles
लेखक:डॉ. हरीश चन्द्र अंडोला एवं सुरेश चन्द्र अंडोला
प्रकाशक:कुनाल बुक्स, दरियागंज, नई दिल्ली
प्रथम संस्करण: 2025 RS. 495 mobile no 9811043697, 9868071411
यह स्नातक स्तर पर रसायन विज्ञान के विद्यार्थियों के लिएएक सुव्यवस्थित और व्यापक पाठ्यपुस्तक है, जिसमें विषय-वस्तु को छह भागों में क्रमबद्ध ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक न केवल बुनियादी अवधारणाओं को समझाने पर केंद्रित है, बल्कि अवधारणाओं के आपसी संबंधों और उनके प्रयोगात्मक तथा सैद्धांतिक महत्व पर भी बल देती है। इस पुस्तक में निम्नलिखित बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है I
Unit-1मेंपरमाण्विक संरचना और आवर्त गुणधर्मपर चर्चा की गई है। इसमें द्वैत प्रकृति, हाइजेनबर्ग अनिश्चितता सिद्धांत, श्रॉडिंगर समीकरण, क्वांटम संख्याएँ, कक्षकों के आकार, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा आधुनिक आवर्त सारणी के रुझानों (जैसे आयनीकरण विभव, विद्युत-ऋणात्मकता आदि) को स्पष्ट रूप से समझाया गया है।
Unit-2रासायनिक बंधनपर आधारित है, जिसमें वैस्पर सिद्धांत द्वारा विभिन्न अणुओं की संरचना, संयोजक बंध सिद्धांत की सीमाएँ, संकरणऔर विभिन्न अणुओं की संरचनाओं को सरल उदाहरणों सहित प्रस्तुत किया गया है।
Unit-3कार्बनिक अभिक्रियाओं के यांत्रिकीको समर्पित है। इसमें इलेक्ट्रोफाइल और न्यूक्लियोफाइल अभिकर्मकों, रेज़ोनेंस, हाइपरकंजुगेशन, विभिन्न प्रभावों (इंडक्टिव, मेसोमेरिक, इलेक्ट्रोमेरिक) तथा प्रतिस्थापन, अभिवृद्धि, पुनर्विन्यास और उन्मूलन जैसी अभिक्रियाओं का विश्लेषण किया गया है। साथ ही कार्बोकैटायन, कार्बऐनायन, मुक्त मूलक, कार्बीन, ऐरीन और नाइट्रीन जैसे अभिक्रियाशील मध्यवर्ती प्रजातियों को भी समझाया गया है।
Unit-4कार्बनिक यौगिकों की स्टीरियोकेमिस्ट्रीपर केंद्रित है। इसमें समावयविता, प्रकाशीय सक्रियता, एनैंशियोमर्स, डायस्टिरियोमर्स, मेसो यौगिक, रेसमाइजेशन, D & L तथा R & S नामकरण प्रणाली और ज्यामितीय समावयविता (E & Z प्रणाली) जैसे विषयों को विस्तारपूर्वक समझाया गया है।
Unit-5पदार्थ की अवस्थाएँ-Iसे संबंधित है। इसमें गैसीय अवस्था और उसके सिद्धांत, वास्तविक गैसों का व्यवहार, वान डर वाल्स समीकरण, क्रांतिक घटनाएँ, अणुओं की गति और मैक्सवेल वितरण जैसे विषयों के साथ-साथ द्रव अवस्था की विशेषताएँ, अंतराअणुक बल, सतही तनाव एवं सान्द्रता का अध्ययन शामिल है।
Unit-6पदार्थ की अवस्थाएँ-IIको कवर करता है। इसमें ठोस अवस्था का परिचय, क्रिस्टल संरचनाएँ, मिलर सूचकांक, सममिति तत्व, एक्स-रे विवर्तन और ब्रैग का समीकरण विस्तार से दिया गया है। इसके साथ-साथ कोलॉइडल अवस्था, उसके गुण, स्थिरता, सुरक्षा क्रिया और हार्डी-शुल्जे नियम को भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से समझाया गया है।
समग्र रूप से, यह पुस्तक स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए एकसंपूर्ण और व्यवस्थित पाठ्यसामग्रीहै। इसमें सिद्धांत और अवधारणाओं को तार्किक ढंग से जोड़कर प्रस्तुत किया गया है, जिससे विद्यार्थी रसायन विज्ञान की नींव को मजबूत कर सकें। यह न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी एक विश्वसनीय पुस्तक है।
पुस्तक समीक्षा–2
शीर्षक:Chemical Analysis
लेखक:डॉ. बिपिन चन्द्र जोशी एवं डॉ. हरीश चन्द्र अंडोला
प्रकाशक:कुनाल बुक्स, दरियागंज, नई दिल्ली
प्रथम संस्करण: 2025 RS. 295 mobile no 9811043697, 9868071411
रसायन विज्ञान के स्नातक स्तर पर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह पुस्तकअत्यंत उपयोगी और मार्गदर्शक सिद्ध होती है। यह विशेष रूप से तीन/चार वर्षीय स्नातकपाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता इसकीव्यावहारिकता और सरल भाषा शैलीहै। इसमें विश्लेषणात्मक रसायन (Analytical Chemistry) का व्यवस्थित परिचय दिया गया है। साथ ही विद्यार्थियों को प्रयोगशाला कार्यों को समझने और रिपोर्ट लिखने की विधि भी स्पष्ट रूप से समझाई गई है। इस पुस्तक के मुख्य बिंदु निम्नानुसार हैं :
प्रयोगशाला सुरक्षा एवं सावधानियाँ– रसायन प्रयोगशाला में होने वाले खतरों और उनसे बचाव के उपायों का विस्तार से वर्णन किया गया है, जो नए विद्यार्थियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
अम्ल-क्षार टाइट्रेशन – नार्मल एवं मोलर के अनुसार विलयन तैयार करने, प्राथमिक एवं द्वितीयक मानकों के प्रयोग, तथा NaOH, HClएवं (COOH)₂ के मानकीकरण की विधि को प्रयोगात्मक उदाहरणों सहित प्रस्तुत किया गया है।
कार्बनिक प्रयोग– आणविक मॉडल का प्रयोग करके चिरल एवं अचिरल अणुओं की संरचना, D & L और R & S नामकरण प्रणाली, ज्यामितीय समावयविता (E & Z नामकरण) तथा लुकास अभिकर्मक द्वारा कार्बोकैटायन की स्थिरता पर आधारित बिंदुओं को विस्तार से समझाया गया है।
भौतिक प्रयोग – स्टेलगोमीटर की सहायता से द्रवों का सतही तनाव मापने की प्रयोगात्मक विधि दी गई है।
इसके अतिरिक्त, पुस्तक मेंप्रयोगशाला रिपोर्ट लिखने के निर्देश, परीक्षा में सफलता के लिए उपयोगी सुझावऔरकोर्स आउटकमजैसी सामग्री भी सम्मिलित है, जो विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति को और अधिक सुदृढ़ बनाती है।यह पुस्तक न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी एक उत्कृष्ट संकलन है। इसमें सैद्धांतिक व्याख्या और प्रयोगात्मक विवरण का संतुलन है, जो इसे स्नातक स्तर के रसायन विज्ञान शिक्षण में विशेष स्थान दिलाता है।