
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
विकासखंड देवाल के अंतर्गत दुरस्थ क्षेत्र बोरागाड़ में स्थित एलोपैथिक अतरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना महामारी के इस दौर में भी ताले लटके होने के कारण इस क्षेत्र के 46 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को छोटे.छोटे रोगों के लिए भी दर.दर भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं। केंद्र में चिकित्सक, फार्मसिस्ट की लंबें समय से मांग के बावजूद भी मांग पूरी नही होने से क्षेत्रीय जनता में स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है।
ओड़र.लिगड़ी क्षेत्र के क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गड़िया ने बताया कि सालों पहले बोरागाड़ क्षेत्र के 46 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार के द्वारा एक अतरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की थी। पहले पहल इस चिकित्सालय का संचालन सिलिंगी नामक एक तोक में एक किराए के प्राइवेट भवन पर किया जाता रहा।बाद में ग्रामीणों के द्वारा अपनी भूमि देने पर सरकार के द्वारा बोरागाड़ में इस स्वास्थ्य केंद्र के लिए करोड़ों रुपए की लागत से भवन निर्माण कार्य कर पिछले 5.6 वर्षों से इसी भवन से चिकित्सालय का संचालन किया जा रहा हैं। बताया कि पिछले कई सालों से यहां पर चिकित्सक का पद रिक्त चला आ रहा हैं। बावजूद इसके कई वर्षों से यहां पर तैनात फार्मसिस्ट भरत सिंह नेगी के द्वारा अस्पताल का विधिवत संचालन किया जा रहा था। किंतु दुर्भाग्यवश पिछले कुछ महीनों पहले उनका आक्समिक निधन हो गया हैं। जिसके बाद से यहां पर डाक्टर के साथ ही फार्मसिस्ट का पद भी रिक्त हो जाने के कारण यहां पर चिकित्सालय का संचालन बंद हो गया। बताया कि डाक्टर एवं फार्मसिस्ट के पद को भरे जाने के साथ ही अन्य चिकित्सकीय स्टाफ की नियुक्ति के साथ ही अन्य आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध करवाने की क्षेत्रीय जनता के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ ही सरकार के नुमाइंदों से मांग करने के बावजूद भी दोनों पदों में से एक पद पर भी नियुक्ति नही हो पाई हैं। एक तरह से इस चिकित्सालय में पिछले कई महीनों से ताले लटके हुए हैं। गड़िया ने बताया कि बीते मार्च माह में देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू एवं उन्होंने जिला मुख्यालय में मुख्य चिकित्साधिकारी से भेंट कर ज्ञापन सौंपकर चिकित्सक एवं फार्मसिस्ट की नियुक्ति की मांग की थी जिस पर सीएमओ ने अप्रैल माह तक एक पद पर नियुक्ति का आश्वासन दिया था। किंतु आज तक भी दोनों में से एक पद पर भी नियुक्ति नही हो पाई हैं।
क्षेपंस गड़िया ने बताया कि पूरे देश के साथ ही इस क्षेत्र के कई गांवों कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। किंतु क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में सामान्य मरीजों के साथ ही कोरोना संक्रमितों को भी उपचार के लिए भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ ही सरकार से बोरागाड़ स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर एवं फार्मसिस्ट की नियुक्ति की मांग की हैं।












