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01- रैणी मे वैली ब्रिज तैयार करने के लिए बीआरओ के ट्रकों मे मौजद सामग्री।
02- मानव चैन बनाकर एबेडमेंट के बेसमेंट तक पत्थरों व अन्य मटीरियल को पंहुचाते मजदूर।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। रैणी से रिमखिम तक सडक संपर्क से जोडने के लिए बीआरओ ने पूरी ताकत झौंकीं, सडक से कट चुके 13गाॅवों के ग्रामीणों को जल्द आवागमन की उम्मीद।
7 फरवरी को ऋषि गंगा में आई प्रलयकारी एवलाॅच रैणी मे काफी ऊॅचाई पर बना भारत-तिब्बत सीमा को जोडने वाला एक मात्र मोटर पुल को तबाह कर दिया था। जिसके कारण तब से नीती घाटी के शीतकालीन गाॅवों के साथ सीमा का आवागमन एकदम ठप्प हो गया है। बीआरआंे ने रैणी मे वैली ब्रिज लाॅच करने की योजना पर कार्य शुरू किया। बीआरओ की योजना थी कि ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के अंदर से जहाॅ अब मलबे का ढेर यहाॅ से आगे सडक बनाकर वहाॅ इस ओर का एबेडमेंट तैयार किया जाय, इस योजना के तहत दूसरी ओर से एबेडमेंट बनाने का कार्य भी शुरू हो गया था। लेकिन यदि ऋषि गंगा प्रोजेक्ट के अंदर मलबे को हटाते हुए सडक निर्माण होता तो वहाॅ दबे शवों को तलाशने में भी दिक्कतांे का सामना होता। इसके अलावा वहा जिदंा दफन हो चुके उनके परिजनों ने भी सभी शवों को ढूॅडे जाने तक इस दिशा से रोड तैयार करने पर आपत्ति जताई।
क्योंकि बीआरओ की प्राथमिकता सडक कनेक्टविटी को जल्द से जल्द खोलने की हैं, इसलिए बीआरओ ने भी तत्काल अपनी योजना को बदलते हुए तबाह हो चुके पुल के समीप ही वैली ब्रिज लाॅच करने की कार्यवाही शुरू की। इसके लिए दोनो और एबेडमेंट तैयार करने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। नीती को ओर एवेडमेट के लिए बीआरओ को एक मजबूत चटटान मिल गई है। जबकि इस ओर नदी किनारे से ही एबेडमेंट का निर्माण किया जा रहा है। जिस पर बीआरओ की मशीने व सैकडो मजदूर लगे है।
पहले दिन से मौके पर मौजूद बीआरओ की शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता ए0एस0राठौड पूरी कार्यवाही को स्वयं की निगरानी मे करा रहे हे। वैली ब्रिज के लिए दर्जनो ट्रको मे पुल की सामंग्री मौके पर पंहुच चुकी है। अब एबेडमेंट तैयार होते ही ब्रिज को लाॅच करने का काम शुरू होगा।
मुख्य अभियंन्ता श्री राठौड के अनुसार वैली ब्रिज लाॅच करने के लिए सभी सामग्रियाॅ मौेके पर पहुच चुकी हैं। लाॅच करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद है। कहा कि दोनो ओर से एबेडमेंट तैयार होते ही ब्रिज लाॅच करने की कार्यवाही शुरू कर दी जाऐगी।