बागेश्वर (अर्जुन राणा) ब्राजील में 1992 को दुनिया के 178 देशों के प्रतिनिधियों ने पृथ्वी सम्मेलन में भाग लिया था। जिसके फलस्वरूप वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता कन्वेंशन की स्थापना की गई।
इसमें सभी देशों ने अपने 2 राष्ट्रों में जैव विविधता प्राधिकरण बोर्ड की स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश्य धरती पर समाप्त होती जा रही जैव विविधता का संरक्षण व उनका एक ब्रह्द डाटा तैयार करना था। उत्तराखंड में जैव विविधता बोर्ड का गठन 2006 में किया गया ।
अपने गठन के 17 वर्षो बाद भी यह बोर्ड आजतक जिला व गाँव स्तर तक अपनी इकाई का गठन नही कर पाया हैं।
इसी सम्बन्ध में जब बोर्ड की जानकारी लेने गरुड़ विकास खण्ड के ब्लॉक अध्यक्ष अर्जुन राणा व भिकियासैंण के अध्यक्ष भूपाल भंडारी राज्य के बोर्ड कार्यालय देहरादून गए तो बोर्ड के अनुसंधान अधिकारी एल एम कौल ने बताया कि अभी बोर्ड के पास फिहलाल अपना कोई बजट नही है। सरकार द्वारा जो थोड़ा बहुत बजट दिया जाता है वह समिति के गठन को भी पूरा नही पड़ता हैं।
यहाँ यह सोचने वाली बात है कि जिस बोर्ड के पास प्रकृति के एक अथाह भंडार के संरक्षण की जिम्मेदारी है उसे सरकार द्वारा कोई विशेष बजट की व्यवस्था ही नही की जाती है
इस मीटिंग में उपस्थित बोर्ड के सभी ब्लॉक अध्यशो ने सरकार से मांग की है कि सरकार अतिशीघ्र बोर्ड के लिए एक विशेष बजट की व्यवस्था कर बोर्ड को ऐक्शन मोड़ में लाने का काम करे।
जिससे कि हर जिले।में गठित समितियों अपने 2 क्षेत्रों में कार्य शुरू कर सके।