गैरसैंण। उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण घोषित करने और राजधानी संघर्ष समिति के आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमे वापस करने और आंदोलन की अगली रणनीति को ले कर रामलीला मैदान में एक बैठक आहूत की गई और फिर उपजिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित किया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तराखंड की स्थायी राजधानी को ले करप्रदेश के विभिन्न जिलों में लोग आंदोलित हैं समय समय पर रैलियां, बैठक आदि कार्यक्रम किये जाते रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं किया जाना और भराड़ीसैंण में अरबों की धनराशि विधान सभा भवन निर्माण पर व्यय करने के बाद भी भवन की देख रेख के लिए कोई प्रशासनिक व्यवस्था नहीं दिखाई देने से गैरसैंण के प्रति सरकार की उदासीनता दर्शाती है। कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों के सपनों व पहाड़ के विकास का केंद्र बिंदु गैरसैण को राजधानी शीघ्र घोषित किया जाय और निर्दोष आंदोलनकारियों पर जड़े मुकदमें को वापस लिया जाय। अन्यथा एक माह के उपरान्त जनता पुनः आंदोलन तेज कर देगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, के एस बिष्ट, कृष्णा नेगी, जसवंत बिष्ट, काशी देवी, मन्ना देवी, कमला पंवार, लक्ष्मी देवी, लक्ष्मण सिंह, राम प्रसाद उप्रेती, धनसिंह शाह, रणजीत शाह आदि शामिल रहे।