डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
अक्षय तृतीय के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा का आगाज होगा। लेकिन 185 दिन तक चलने वाली यात्रा में पग-पग पर चुनौतियां सरकारी सिस्टम का व्यवस्थाओं का इम्तिहान लेगी। बीते वर्ष यात्रा में सामने आई चुनौतियों से सीख लेकर इस बार सरकार ने स्वास्थ्य, यातायात जाम, भीड़ प्रबंधन, आपदा से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम करने का दावा किया। चारधाम यात्रा प्रदेश की अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार से जुड़ी है। यात्रा को सुगम, सुरक्षित व व्यवस्थित बनाने के लिए बीते वर्ष चारधाम के कपाट बंद होने के बाद से प्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी थी। पिछली यात्रा के दौरान धामों में भारी भीड़ उमड़ने, यात्रा मार्गों पर घंटों जाम लगने के साथ ही केदारघाटी में आपदा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। तीर्थ यात्रियों की भीड़ बढ़ने से कुछ दिनों के लिए पंजीकरण को भी रोकना पड़ा था। इस बार चारधाम यात्रा के लिए अब तक 22.30 लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण कर चुके हैं। इससे मई माह में चारधाम व हेमकुंड साहिब की यात्रा में आने के लिए 15 लाख ने पंजीकरण कराया है। भीड़ प्रबंधन के लिए यात्रा के शुरुआती एक माह में वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं होगी। चारधाम यात्रा मार्ग को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 217 सेक्टरों में बांटा गया है। पुलिस ने यात्रा मार्ग पर इस बार कुल 624 सीसीटीवी कैमरों को भी सक्रिय किया है। यात्रा मार्ग पर नौ एएसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारियों को अलग-अलग स्थानों पर कैंप करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही इस साल पहली बार 10 कंपनी अर्द्धसैनिक बलों की मांग भी केंद्र सरकार से की गई है। सबसे महत्वपूर्ण यातायात प्लान को लेकर बार बड़ी तैयारियों का दावा किया गया है। इस साल पहले से ही प्लान ए, बी और सी के आधार पर यातायात प्रबंधन किया जाएगा। इसके तहत विभिन्न मार्गों पर भीड़ और अत्यधिक भीड़ होने पर वैकल्पिक मार्गों को चिह्नित किया गया है। इन पर अधिकारियों और कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ऑक्सीजन कमी, ठंड के कारण स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने यात्रा मार्गों पर व्यापक इंतजाम किए हैं। केदारनाथ धाम में 18 बेड का अस्पताल संचालित होगा। इसके अलावा 200 से अधिक डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को ड्यूटी पर तैनात किया गया। स्क्रीनिंग प्वाइंट पर 50 साल से अधिक आयु के तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी जांच की जाएगी। आपातकालीन सेवा के लिए 150 एंबुलेंस, हेली एंबुलेंस, बोट एंबुलेंस को तैनात किया गया। चारधाम यात्रा में केदारनाथ हेली सेवा के टिकटों के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रहती है। टिकटों की कालाबाजारी व फर्जीवाड़ा पर कड़ी निगरानी रहेगी। जिला प्रशासन, पुलिस, विजिलेंस के साथ उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण सिरसी, गुप्तकाशी व सिरसी हेलिपैड पर निगरानी की जाएगी। चारधाम यात्रा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हर 10 किलोमीटर पर पुलिस सेक्टर भी बनाए हैं, जहां पुलिस वॉकी-टॉकी से गश्त करेगी। श्रद्धालुओं की संख्या पर कोई रोक नहीं लगाई है। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के रजिस्ट्रेशन के लिए 25-30 मोबाइल टीमें बनाई गई हैं। प्रदेश सरकार ने सुगम, सुरक्षित व व्यवस्थित यात्रा के लिए सभी प्रबंधन किए हैं। हेलीकॉप्टर सेवा के नाम पर धोखाधड़ी की कई घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, जहां पहले भी कई श्रद्धालुओं को ठगा गया है, पुलिस और प्रशासन दोनों ने श्रद्धालुओं को धोखेबाजों के चंगुल से बचाने के लिए एक योजना तैयार की है।चारों धामों में से केदारनाथ की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है क्योंकि वहां पहुंचने के लिए करीब 20 किलोमीटर की पहाड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है। यात्रा के लिए पैदल, खच्चर, डंडी-कंडी और हवाई मार्ग से यात्रा करने के विकल्प सीमित हैं। स्वाभाविक रूप से, हेलीकॉप्टर सेवा सबसे ज़्यादा पसंद की जाती है, भले ही किराया बहुत ज़्यादा हो। हालांकि, एयरलाइन टिकटों की सीमित संख्या इस प्रक्रिया को और भी बोझिल बना देती है, जिसका फ़ायदा धोखेबाज़ तीर्थयात्रियों को बहुत ज़्यादा कीमत पर ठगने में उठाते हैं।उन्होंने केदारनाथ हेली सेवा के नाम पर एक फर्जी पोर्टल शुरू किया और जब श्रद्धालु हवाई टिकट के लिए ऑनलाइन खोज करते हैं, तो ये साइटें सबसे पहले सामने आती हैं। इन पोर्टलों की सच्चाई के बारे में जरा भी नहीं जानते हुए, वे उपलब्धता देखकर तुरंत टिकट बुक कर लेते हैं, लेकिन बाद में जब वे हेलीकॉप्टर में चढ़ने के लिए निर्धारित स्थान पर पहुंचते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि ये टिकट नकली हैं। इसके अलावा, कुछ कालाबाजारी करने वाले लोग इन टिकटों को पहले से ही सस्ते दामों पर खरीद लेते हैं और उन्हें बहुत अधिक कीमत पर बेच देते हैं।इन सबको देखते हुए प्रशासन ने चौबीसों घंटे निगरानी की व्यवस्था की है ताकि श्रद्धालु सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर असली टिकट खरीद सकें।चारधाम यात्रा से पहले साइबर एक्सपर्ट टीम ने फर्जी वेबसाइट की पहचान कर उन पर जांच शुरू कर दी है। साथ ही वे पूरे यात्रा सीजन के दौरान उनकी गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे। पग-पग पर चुनौतीफिर से व्यवस्थाओं का इम्तिहान *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*