प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। अब कीडा जडी पर भी कोविड की छाया। कीडा जडी दोहन पर पाबंदी के साथ ही वनों में जा चुके ग्रामीणों को भी वापस करने के निर्देश जारी कर दिए गए है।
कोविड-19महामारी का असर पर्यटन व धार्मिक स्थलों के बाद अब उच्च हिमालयी क्षेत्रों मे भी दिखने लगा है। इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों के लेाग परिवार के सदस्यों के साथ उच्च हिमालयी बुग्यालों मे कीडा जडी एकत्रित करने के लिए पंहुचते है और सैकडो ग्रामीण वन क्षेत्रों मे पंहुच भी गए है। लेकिन अब कीडा जडी एकत्रित करने पर पाबंदी के नए आदेश से ग्रामीण भी असंमजस की स्थिति मे है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप वन संरक्षक किसन चंद ने वन क्षेत्राधिकारियों का पत्र देकर स्पष्ट किया है कि वर्तमान मे कोरोना वायरस’’कोविड-19’’ के देखते हुए आरक्षित वन क्षेत्रों मे मानव गतिविधि बढने से वन्य जीवों पर भी यह वायरस फैल सकता है। मई और जून महीने मे अधिकांश स्थानीय लोग वन क्षेत्रों मे कीडा जडी एकत्रित करने पंहुचते है,ऐसे मे कोरोना वायरस संक्रमण के वन्य जीवों पर भी फैलने की प्रबल संभावना है। पत्र मे वन क्षेत्रों मे किसी के भी घुसने पर पाबंदी लगाने की सख्त हिदायत दी गई है।
संपर्क करने पर जोशीमठ रैंज के रैज आफीसर धीरेश विष्ट ने बताया कि उच्चाधिकारियेां के निर्देश के क्रम मे सभी बीट अधिकारियों को आदेश का कडाई से पालन सुनिश्चित किए जाने के साथ ही वन क्षेत्रों मे पंहुच चुके ग्रामीणों का तुंरत वापस करने के निर्देश भी दिए गए है।