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गाय के दूध में संपूर्ण पोषक तत्व मौजूद

18/03/20
in उत्तराखंड, हेल्थ
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https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/11/Video-60-sec-UKRajat-jayanti.mp4

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
गाय को हिंदू धर्म में मां का दर्जा दिया गया है। इसलिए इसका दूध भी सेहत के लिए अमृत तुल्य है। शरीर हमेशा स्वस्थ और ताकतवर रहता है। इससे शरीर में किसी भी तत्व की कमी नहीं होती और इस दूध के लगातार सेवन से कैंसर, दिल संबंधी बीमारियां, उच्च रक्तचाप, माइग्रेन जैसी भयंकर बीमारियों से भी बचा जा सकता है। गाय का दूध सर्वोत्तम आहार है, इसे अमृत के समान माना जाता है। गाय के दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, आयोडीन, पोटैशियम, फैट, विटामिन डी, विटामिन बी और मिनरल्स होते हैं। साथ ही गाय के दूध में विटामिन ए भी होता है जो किसी अन्य पशु के दूध में नहीं होता है। इसके अलावा गाय के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन हृदय रोग, डायबिटीज से लड़ने में कारगर और मानसिक विकास में सहायक होता है।
गाय के दूध को पूर्ण भोजन माना गया है। यानी कई दिन तक केवल गाय का दूध पीकर कोई भी एकदम स्वस्थ और ताकतवर बना रह सकता है। उसके शरीर में किसी आवश्यक तत्व की कमी नहीं पड़ेगी। गाय के दूध में लगभग 8 प्रकार के प्रोटीन, 6 प्रकार के विटामिन, 21 प्रकार के एमिनो एसिड, 11प्रकार के चर्बीयुक्त एसिड, 25 प्रकार के मिनरल तत्व, 16 प्रकार के नाइट्रोजन, 4 प्रकार के फास्फोरस, इसके अलावा मुख्य मिनरल जैसे कॉपर, आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, फ्लोरिन, सिलिकॉन आदि भी पाये जाते हैं।प्रतिदिन गाय के दूध के सेवन से तमाम प्रकार के रोग नष्ट हो जाते हैं। एलोपैथी दवाओं, प्रदूषण आदि के कारण हवा, पानी एवं आहार के द्वारा शरीर में जो विष एकत्रित होता है, गाय के दूध में इसको नष्ट करने की शक्ति होती है।
गाय का दूध पीने से कैंसर से बचा जा सकता है देशी गाय की पीठ पर मोटा सा हम्प होता है! जिसमें सूर्य ग्रंथि यानी सन ग्लैंड्स पाई जाती है। इसकी खासियत यह है कि यह दूध को बेहद गुणकारी और अमूल्य औषधि के रूप में बदल देती है। यह सूर्य की किरणों के संपर्क में आते ही दूध में स्वर्ण का प्रभाव छोड़ती हैं।
पोषण से जुड़ी जानकारी दूध
मात्रा प्रति
100 ग्राम
कैलोरी किलो कैलोरी 42
कुल वसा 1 ग्राम
संतृप्त वसा 0.6 ग्राम
बहुअसंतृप्त वसा 0 ग्राम
मोनोअसंतृप्त वसा 0.3 ग्राम
कोलेस्टेरॉल 5 मिलीग्राम
सोडियम 44 मिलीग्राम
पोटैशियम 150 मिलीग्राम
कुल कार्बोहायड्रेट 5 ग्राम
आहारीय रेशा 0 ग्राम
चीनी 5 ग्राम
प्रोटीन 3.4 ग्राम
विटामिन ए 47 आयू विटामिन सी 0 मिलीग्राम
कैल्सियम 125 मिलीग्राम आयरन 0 मिलीग्राम
विटामिन डी 1 आयू विटामिन बी 0 मिलीग्राम
विटामिन बी१२ 0.5 माइक्रोग्राम मैग्नेशियम 11 मिलीग्राम
जिससे गाय के दूध में स्वर्ण तत्व समा जाते हैं। और अगर देशी गाय का दूध पीते हैं तो कभी भी कैंसर का रोग नहीं होगा। गाय को हिन्दू धर्म में माँ क्यों माना जाता है। यह सवाल हर भारतीय पुंछता है पर इसका उत्तर बहुत कम लोगों को ही पता होता है। आप लोगों को भी अवशय पढ़ना चाहिए। आज कई अंग्रेजियत की पढाई करे हुए लोगों को तथा विदेशियों को इस चीज पर आपत्ति होती है की हिन्दू गाय को माँ क्यों कहते हैं। इस बारे में काफी सोचा के किसीऔर जानवर को क्यों माँ नहीं बनाया गया या उसके अन्दर सारे देवी देवताओं का वास क्यों नहीं बताया गया फिर मैंने खोजना शुरू किया तो पाया इसका गहरा ताल्लुक भारतीय समाज से है, भारत की प्राचीन संस्कृति से है तथा बहुत से ऐसे तथ्य सामने आये जिनको जानकार में आश्चर्यचकित हैं। जो दुनिया भर के वैज्ञानिको ने तथा भारत में गायत्री परिवार हरिद्वार एवं आर्य समाज व् कई विदेशी और स्वदेशी वैज्ञानिकों ने खोज निकाले हैं गाय के गौ मूत्र में 24 तत्व होते हैं जिनसे हर तरह के रोगों का इलाज संभव है ण् गाय के गोबर से लिपे हुए घर में रेडिएशन असर नहीं करती तथा कैंसर के खतरे से बचते हैं। गाय के गो मूत्र में १.४ एम्पेयर का करंट होता है जिससे आप सही तरह से प्रयोग करके बिजली बना सकते हैं या बल्ब जला सकते हैं। गोबर से निकलने वाली मीथेन को बिजली के तौर पर उपयोग किया जा सकता है तथा गोबर गैस कोसिलिंडर में भरकर गाड़ियाँ भी चलाई जा सकती हैंण् गाय के गोबर के प्रयोग से सबसे अच्छी जैविक खाद मुफ्त में बनाई जा सकती है जिससे हम जहरीले रसायनों के प्रयोग से बचेंगे तथा सुरक्षित भोजन प्राप्त कर सकेंगे तथा निरोगी रहेंगे। गाय के गौमूत्र से बहुत ही अच्छाकीटनाशक मुफ्त में बनाया जा सकता है जिससे आप विषैले कीटनाशक के प्रयोग से बचेंगे जिससे फसलजहरीली हो जाती हैण् गाय के गौमूत्र में कई रोगों का इलाज करने की अदभुत क्षमता है यह वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध हो चुका है तथा भारत में कई जगह इसके द्वारा इलाज किया जाता है। शुद्ध नस्ल के नंदी के मूत्र का देश मे चल रहे हैं। देसी गाय के दूध के सेवन से हड्डियाँ मजबूत होती हैं। देसी गाय के घी के सेवन भारत का हर व्यक्ति अपना स्वयं का जैविक अनाज फल सब्जी खुद उगाता था तथा कपडे भी हम खुद बनाया करते थे अब किसानी के अलावा बचे हुए वक़्त में हमारे बच्चे या युवा नयी नयी खोज किया करते थे उन्ही का परिणाम था वेद, उपनिषद, आयुर्वेद आदि जिनमे वज्ञान के जटिल जटिल नियम है जो आज भी लोग समझ नहीं पाए आज बच्चों पर बोझ है पढाई का फिर नौकरी का विदेशी कंपनी में तब उन्हें सिर्फ खेती करनी थी फिर समाज के विषय में सोचना तथा चर्चा करना था इसी से समाज में एकता भाईचारा और प्रेम बना रहता था आज की तरह तनाव का गाय वैदिक काल से ही भारतीय धर्मए संस्कृतिए सभ्यता और अर्थव्यवस्था का प्रतीक रही है। परंतु क्यों आज गाय सड़कों पर आवारा घूमती दिखती हैं और भूखी गाय कचरे से गंदगी व पॉलिथीन खाने को मजबूर हैं। सुख.समृद्धि की प्रतीक रही भारतीय गायें आज कूड़े में प्लास्टिक की थैलियां खाती दिखती हैं। कैसी विडंबना है कि आज के समय में गायें घोर उपेक्षा और बदहाली की जिंदगी जी रही हैं और भूख से दम तोड़ रही हैं। सड़कों के किनारे फेंकी गई खाद्य वस्तुओं के साथ.साथ प्लास्टिक खाने से गाय की दर्दनाक मौत होने की घटनाएं आम हो गई हैं। आज देश की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि देश में कुत्ते बिस्किट खा रहे है और पेट की आग बुझाने के लिए सैंकड़ों गाय प्लास्टिक बैग खाकर प्रतिदिन अकाल मौत का शिकार बन रही हैं। ऐसे में यह सवाल विचारणीय हो जाता है कि आखिर क्या वजह है कि भारतीय संस्कृति में बेहद उच्च स्थान रखने वाली गाय इस समय दर.दर की ठोकरें खा रही हैंघ् क्यों प्राचीन काल से ही भारत में समृद्धि का प्रतीक मानी जाने वाली गायें आज भूखी प्यासी हैं और कचरे के ढेर पर पॉलीथिन और कूड़ा करकट खाने को मजबूर हैंघ् पॉलीथिन खाने से गायों व अन्य जानवरों के मरने की घटनाएं तो अब आम हो गई हैं। पिछले कुछ समय से आए दिन समाचार पढ़ते आ रहे हैं कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके गाय के पेट से 60 किलो पॉलिथीन निकाली है, तो कहीं गाय के पेट का ऑपरेशन करके बीस.तीस किलो पॉलीथिन निकाला गया। कोर्ट के पॉलीथिन पर प्रतिबंध के निर्देश के बावजूद शहरों में अब तक इस पर रोक नहीं लग सकी हैए बाजार में सरेआम दुकानदारों द्वारा फेंकी जा रही प्रतिबंधित पॉलीथिनों को चारा नहीं मिलने की वजह से खाकर गाय मर रही हैं। प्लास्टिक सिर्फ मानव जीवन और पर्यावरण के लिए ही नहीं जानवरों के लिए भी बेहद हानिकारक है हम भूल रहे हैं कि हमारे आराध्य भगवान श्री कृष्ण ने 100000 गायें चरा करके गौ सेवा का अनुपम संदेश दिया था।कामधेनु जो कि समस्त दुखों का नाश करने वाली मानी जाती है गाय ही है ऐसे में जिस तरह से समाज ने गाय और गोवंश को तिरस्कृत किया है यह अत्यंत सोचनीय हैण् इसे कामधेनु कहा गया है। इसका दूध बच्चों के लिए बेहद पौष्टिक माना गया है और बुद्धि के विकास में कारगर भी।सभी जानवरों में गाय का दूध सबसे ज्यादा फादेमंद माना गया है। उसमें भी देसी नस्ल की गाय का दूध ही सबसे ज्यादा महत्चपूर्ण है। आखिर देसी नस्ल की गाय में क्या खूबियां होती हैं जो उसके दूध का इतना महत्व होता है। गाय के दूध का महत्व उसमें मौजूद तत्व बढ़ाते हैं। सेहत के लिहाज से गाय का दूध फयदेमंद तो है ही अब एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि देश में पलीण्बढ़ी गाय के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन हृदय की बीमारी मधुमेह से लडऩे में कारगर और मानसिक विकास में सहायक होता है।गोवंश के प्रति लोगों की उदासीनता से न केवल पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ेगा बल्कि भारतीय संस्कृति हिंदू धर्म के केंद्र बिंदु मानी जाने वाली गौ मां इतिहास के पन्नों में सिमट के रह जाएगी जिसके परिणाम भयावह होंगे। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्षए 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मानए प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिकए राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है आज दुनियाभर मंर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा हैण् गूगल ने डूडल के जरिये महिला दिवस पर लोगों को बधाई दीण् दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल हर खास मौके पर डूडल के माध्यम से लोगों को इनके बारे में जानकारी देता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भी उसने वैसा ही कियाण् इस खास मौके पर गूगल ने एक एनिमेटड वीडियो बनाया है। इसमें दुनियाभर की महिलाओं और अलग.अलग जेनरेशन को दर्शाया गया हैण् साथ ही यह भी दिखाया गया है कि अब वे हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। गाय के दूध साथ ही गोवंश के प्रति लोगों अन्तरराष्ट्रीय गाय दिवस मनाया का दर्जा दिया जा सकता है।

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