
बोरागाड़ स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकत्सक चार फार्मासिस्टों की नियुक्ति की
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
आखिरकार एक मासूम बच्ची की बिना इलाज के ही मौत हो जाने के बाद स्वास्थ्य महकमा सक्रिय हो गया है। विभाग ने महिनों से बंद पड़े 46 गांव से अधिक के बीच स्थित अतरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बोरागाड़ में एक चिकित्सक एवं चक्राक्रम में चार फार्मसिस्टों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। जिससे क्षेत्रीय जनता ने राहत की सांस लेते हुए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया है।
दरअसल पिछले कई वर्षों से एलोपैथिक चिकित्सालय बोरागाड़ में डाक्टर का पद रिक्त होने के साथ ही पिछले कई महीनों से यहां तैनात फार्मसिस्ट की आक्समिक मृत्यु के बाद इस चिकित्सालय में ताले लटक गए थे। बीते सोमवार को ही बोरागाड़ के पास पिंडर नदी के उस पार ओडर गांव की एक 7 वर्षीय मासूम बच्ची कांजल की बिना उपचार मिले ही मौत हो गई थी। जिस पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही मीडिया में भारी हो हल्ला हुआ था। इस घटना के बाद स्वास्थ्य महकमे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गत दिवस मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एमएस खाती ने तत्काल प्रभाव से डाॅ अभिनव को अग्रिम आदेशों तक बेरोगाड़ में बतौर चिकित्सा अधिकारी एवं चार अलग.अलग स्वास्थ्य केंद्रों से चक्राक्रम फार्मसिस्टों को प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र बोरोगाड़ में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाऐं उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से निर्देशों का पालन करने को कहा है।
महिनों से ताले लटके स्वास्थ्य केंद्र बोरागाड़ में तालों के खुलने की आशा बढ़ने पर न क्षेत्रीय जनता ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एमएस खाती के साथ ही देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू का आभार व्यक्त किया है। महिनों से बोरागाड़ चिकित्सालय का ताला खुलवाने के लिए संघर्षरत ओड़र.लिगड़ी के क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गड़िया ने नियुक्तियों पर राहत की सांस लेते हुए कहा कि चिकित्सक एवं फार्मसिस्ट की नियुक्ति का भारी लाभ क्षेत्र के 46 गांव से अधिक की ग्रामीण जनता को मिलेगा। उन्होंने नियुक्तियों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही देवाल प्रमुख दर्शन दानू का आभार जताते हुए यहां पर नियमित स्टाफों के साथ ही प्रर्याप्त दवाओं की आपूर्ति की भी मांग की है।