डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। आपदा के दौरान तुरंत कार्रवाई करने और क्षमता में वृद्धि के उद्देश्य से इंडियन रेस्क्यू एकेडमी ने राज्य आपदा प्रतिवादन बल के साथ साझेदारी करते हुए मेडिकल फर्स्ट रिस्पॉन्डर (एमएफआर) प्रशिक्षण कार्यक्रम कि शुरुआत की गई।
सोमवार को एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय जौलीग्रांट में एमएफआर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को जीवन-रक्षक चिकित्सा एवं कौशल उन्नत शिक्षण तकनीकों से लैस करना और अपनी टीमों को भविष्य में प्रशिक्षित करना है।
इंडियन रेस्क्यू एकेडमी फ्लड रेस्क्यू, रोप रेस्क्यू, सीबीआरएन (कैमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लीयर) संचालन, जीवन रक्षक तकनीक और ढांचे के ढहने की स्थिति में खोज और बचाव जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए पाठ्यक्रम एवं वृहद स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
बता दे कि बीती 04 अक्टूबर को पुलिस महानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल और एमडी अमित अम्बेडकर की उपस्थिति में इंडियन रेस्क्यू एकेडमी के संस्थापक अंकित वाघ और एसडीआरएफ सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने आपदा से संबंधित स्किल अपग्रेडेशन के लिए संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे।
इंडियन रेस्क्यू एकेडमी के संस्थापक और सीईओ अंकित वाघ ने कहा यह पहल केवल प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है अपितु प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राज्य के बचाव पेशेवरों के कौशल और दृढ़ता को मजबूत कर के हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जीवन रक्षक विशेषज्ञता उस समय और स्थान पर व्यापक रूप से उपलब्ध हो जब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता हो।
इंडियन रेस्क्यू अकादमी एशिया का सबसे बड़ा बचाव प्रशिक्षण संस्थान है जो आपदा प्रबंधन पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण और उन्नत उपकरण प्रदान करने के लिए समर्पित है। इस टीओटी कोर्स से आपदा प्रशिक्षण के लिए एक नया मानक स्थापित होनें की उम्मीद है जो बचाव कार्यों के लिए एक अधिक प्रभावी और स्थायी दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा उच्च प्रशिक्षित कर्मियों और विशेष उपकरणों के साथ एसडीआरएफ आपदा प्रतिक्रिया और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह कोर्स एसडीआरएफ की आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाएगा और संभावित रूप से अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में काम करेगा। इस अवसर पर उपसेनानायक एसडीआरएफ मिथिलेश कुमार सिंह, सहायक सेनानायक श्यामदत्त नौटियाल, जीएम ट्रैनिंग सुरभि कुंडलिया, अमोल जाधव आदि मौजूद रहे।
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इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से आपदा बचाव कर्मियों को उच्चतम मानकों तक की पहुँच मिलेगी। ट्रैनिंग ऑफ ट्रैनर्स मेडिकल फर्स्ट रिस्पॉन्डर कोर्स न केवल चिकित्सा प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि भविष्य के प्रशिक्षकों को भी तैयार करेगा। राज्यभर में आपदा के दौरान फर्स्ट रिस्पोन्डर की भूमिका निभाने वाले प्रशिक्षणार्थी इससे लाभान्वित होंगे।
~रिधिम अग्रवाल, आईजी, एसडीआरएफ
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यह कोर्स राज्य में मजबूत और सुदृढ़ आपदा प्रतिक्रिया ढांचा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रशिक्षण से उन्नत तकनीक और ज्ञान से आपदा के दौरान जटिल स्थितियों को प्रभावी ढंग से संभालने में मदद मिलेगी।
~अर्पण यदुवंशी, कमांडेंट, एसडीआरएफ