• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

बदहाल शिक्षा-व्यवस्था की खुली पोल

20/11/24
in अल्मोड़ा, उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
0
SHARES
171
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

 

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

उत्तराखंड में पटरी से उतर रही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के भले हमेशा से दावे किए जाते रहे हो लेकिन
हालात सुधरने के बजाए बिगड़ते जा रहे हैं। विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के सरकारी स्कूल
लगातार छात्रविहीन हो रहे हैं। हाल यह है कि 1,671 सरकारी विद्यालयों में ताला लटक गया है, जबकि
अन्य 3573 बंद होने की कगार पर हैं।जानकारी के अनुसार हैरान करने वाली बात है कि 102 स्कूल ऐसे हैं
जिनमें हर स्कूल में मात्र एक-एक छात्र अध्ययनरत हैं। प्रदेश में एक अप्रैल 2024 से नया शिक्षा सत्र शुरू हो
रहा है, लेकिन इस सत्र के शुरू होने से पहले राज्य के कई विद्यालयों में ताला लटक गया है। शिक्षा
महानिदेशालय ने हाल ही में राज्य के सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों से जिलों में बंद हो चुके विद्यालयों की
रिपोर्ट मांगी थी। जिलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी विद्यालय छात्रविहीन होने से लगातार बंद
हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 3573 विद्यालयों में छात्र संख्या 10 या फिर इससे भी कम रह गई है। इसमें
सबसे अधिक 785 स्कूल पौड़ी जिले के हैं जबकि सबसे कम तीन स्कूल हरिद्वार जिले के हैं। वही राज्य में
पौड़ी एकमात्र ऐसा जिला है जिसमें सबसे अधिक 315 स्कूलों में ताला लटक चुका है जबकि ऊधमसिंह
नगर जिले में सबसे कम मात्र 21 स्कूल बंद हुए हैं। छात्र न होने की वजह से राज्यभर में 1671 स्कूल बंद
हो चुके हैं। तो वही राज्य में अल्मोड़ा जिले में 197, बागेश्वर में 53, चमोली में 133, चंपावत में 55,
देहरादून में 124, हरिद्वार में 24, नैनीताल में 82, पौड़ी में 315, पिथौरागढ़ में 224, रुद्रप्रयाग में 53,
टिहरी गढ़वाल में 268, ऊधमसिंह नगर में 21 और उत्तरकाशी जिले में 122 स्कूलों में ताला लटक चुका है।
प्रदेश की बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए प्रयोगशाला बनी हैं। पूर्व में अटल उत्कृष्ट विद्यालय,
मॉडल विद्यालय, क्लस्टर विद्यालय आदि के रूप में कई प्रयोग किए जा चुके हैं, जबकि अब शिक्षा में
फिनलैंड मॉडल अपनाने का दावा किया जा रहा है। इसे लेकर मंत्री के साथ विभागीय अधिकारियों की एक
टीम चार दिन फिनलैंड और स्विटजरलैंड का दौरा कर चुकी है। सरकारी शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है.

हाल ये हैं की शिक्षक बेहतर वेतन लेने के बावजूद भी छात्रों को शिक्षा देने के लिए बिल्कुल भी संजीदा नजर
नहीं आ रहे. ताजा मामला के राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवीखाल कोठा का है, जहां शिक्षकों के स्कूल न
पहुंचने पर पूरे दिन स्कूल में ताले जड़े रहे. छात्र शिक्षक के इंतजार में घंटो खड़े रहे.दरअसल, प्राथमिक
विद्यालय दो अध्यापकों के भरोसे है. इनमें एक शिक्षक तीन दिन की छुट्टी पर थी, लेकिन, स्कूल में सहायक
अध्यापक बिना छुट्टी के गायब रहा. ऐसे में स्कूल में ताले जड़े रहे. छात्रों के अभिभावक जब स्कूल पहुंचे तो
उन्होंने स्कूल में जमकर हंगामा किया. समय पर स्कूल न खुलने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर
वायरल भी कर दिया. अब जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा ने मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने
बताया पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवीखाल कोठा का वीडियो वायरल
हो रहा है. जिसमें ताले लटके हैं. अभिभावक संघ विद्यालय में भोजन माता के साथ है. जिसमें विद्यालय में
कोई शिक्षक मौजूद नहीं है.वीडियो का संज्ञान लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी बीरोंखाल को जांच के आदेश
दिए. जिसमें पाया गया कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका अवकाश पर थी, जबकि, सहायक अध्यापक कार्य
दिवस पर स्कूल नहीं पहुंचा. नागेन्द्र बर्तवाल ने कहा बिना अवकाश स्वीकृत कराए ही सहायक अध्यापक
का स्कूल में अनुपस्थित रहना गंभीर मामला है. जिससे बच्चों के पठन-पाठन पर भी बुरा असर पड़ता है.
उन्होंने बताया मामले में बीईओ की रिपोर्ट पर स्कूल के सहायक अध्यापक को निलंबित कर उप शिक्षा
अधिकारी के कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया है.मामले में बीरोंखाल ब्लॉक प्रमुख ने भी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा अगर इसी तरह स्कूलों से टीचर गायब रहेंगे तो बच्चे केसे आगे बढ़ सकेंगे? उन्होंने कहा इस
सम्बंध में उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से कार्यवाही करने की मांग की है.प्राथमिक स्कूल कोटी
डोभालों से दोनों शिक्षक गायब हैं. शिक्षकों ने स्कूल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के भरोसे छोड़ा हुआ है.
शिक्षकों के गायब होने की पोल एक छात्र की अंगुली कटने पर खुली. दरअसल प्रधानाध्यापक सहित
सहायक अध्यापक भी बुधवार को स्कूल से नदारद रहे. अभिभावकों का कहना है कि शिक्षक ने स्कूल
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के भरोसे छोड़ दिया था.टीचरों की अनुपस्थिति में छात्र हुआ घायल: दोनों शिक्षकों
की अनुपस्थिति में कक्षा एक के एक छात्र की अंगुली कट गई. अत्यधिक खून बहने के कारण पीड़ित छात्र को

चंबा के निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. वहीं ग्रामीणों ने लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई
करने के साथ ही स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था करने की मांग की है. ग्राम पंचायत इच्छोनी की प्रधान
सुनीता देवी डोभाल और मोहन डोभाल ने बताया कि गांव के प्राथमिक स्कूल कोटी डोभालों में एक
प्रधानाध्यापक और एक सहायक अध्यापक कार्यरत हैं. बुधवार को दोनों में से कोई भी स्कूल नहीं पहुंचा.
उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के भरोसे स्कूल छोड़ दिया. शिक्षकों से पूछने पर
प्रधानाध्यापक ने खुद को देहरादून में और सहायक अध्यापक ने रिश्तेदार की सगाई में होना बताया. शिक्षा
विभाग भले ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लाख दावे करता हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही
बयां कर रही है. गौर हो कि सरकार भले ही सभी को अच्छी शिक्षा देने के लाख दावे करती हो, लेकिन
जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की हालत दिनों-दिन खराब
होती जा रही है. बात अगर यहां की व्यवस्थाओं की करें तो वो भी राम भरोसे ही हैं. कई सरकारी
विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं तो कहीं स्कूलों की हालत इतनी जर्जर है कि वे कभी भी गिर सकते हैं. ऐसा ही
एक स्कूल डोईवाला बुल्लावाला स्कूल हैं जहां बच्चे जान हथेली पर रखकर पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल की
बदहाली का आलम यह है कि दीवारों से पानी का रिसाव होने से स्कूल का सामान खराब हो रहा
है.उत्तराखंड के हित और राज्य की बेहतरीन के लिए ठीक होगा, वो किया जाएगा.इसका खामियाजा
ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है और वह समस्याओं से जूझ रहे हैं।लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए
हैं।लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।

ShareSendTweet
http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne-1.mp4
Previous Post

डोईवाला : फर्जी दस्तावेज बनकर बिजली, पानी का कनेक्शन लिया

Next Post

केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन में 57.64 फीसदी मतदान

Related Posts

उत्तराखंड

थराली में युद्धस्तर पर जारी राहत एवं बचाव अभियान

August 23, 2025
8
उत्तराखंड

उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान है पारंपरिक व्यंजन

August 23, 2025
9
उत्तराखंड

उत्तराखंड में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील

August 23, 2025
7
उत्तराखंड

कुरूड़ से चली बधाण की नंदादेवी की लोकजात यात्रा बधाण पट्टी सूना गांव से आठवें पड़ाव थराली गांव, थराली बाजार पहुंची

August 23, 2025
7
उत्तराखंड

चेपड़ो में घायल 6 ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश भेजा गया

August 23, 2025
5
उत्तराखंड

जमीन से उपजे लोक संस्कृतिकर्मी थे जुगल किशोर पेटशाली – चन्द्रशेखर तिवारी

August 23, 2025
8

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne-1.mp4

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

थराली में युद्धस्तर पर जारी राहत एवं बचाव अभियान

August 23, 2025

उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान है पारंपरिक व्यंजन

August 23, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.