थराली से हरेंद्र बिष्ट।
अब प्रभारी प्रधानाचार्यों को आहरण वितरण का अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ मुखर होने लगा है।
दरअसल पिछले एक अरसे से राज्य में हाईस्कूलों एवं इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के पद भारी संख्या में रिक्त पड़े हुए हैं। शिक्षण व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाओं के संचालन के लिए सरकार के द्वारा प्रभारियों की व्यवस्था कायम की गई है। इसके तहत पूरे प्रदेश में स्कूल कालेजों में सीनियर प्रवक्ताओं अथवा अध्यापकों को प्रभारी प्रधानाचार्यों की व्यवस्था सौप कर संचालन किया जा रहा हैं। इन प्रभारियों को स्कूलए कालेजों में अध्ययन. अध्यापन के साथ ही अन्य तमाम जिम्मेदारियों के सम्पादन का अधिकार दिया गया हैं। किंतु इन प्रभारी प्रधानाचार्यों को आज तक आहरण, वितरण का अधिकार नहीं दिया गया हैंएजिस पर अब राजकीय शिक्षक संघ मुखर होने लगा है।
इस संबंध में यहां आयोजित राजकीय शिक्षक संघ के चमोली जिले के पूर्व जिला उपाध्यक्ष रमेश देवराड़ी की अध्यक्षता में आयोजित संघ की एक बैठक में प्रभारी प्रधानाचार्यों ने कहा कि जहां एक ओर स्कूलए कालेजों की तमाम महत्वपूर्ण व्यवस्थाओ के सम्पादन की पूरी एवं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। वही मात्र आहरण, वितरण का अधिकार उन्हें ना दें कर एक तरह से प्रभारी प्रधानाचार्यों पर सरकार के द्वारा अविश्वास सा प्रतीत हो रहा है। कहां कि तमाम अन्य विभागों में पद के विरुद्ध दो. तीन स्तर के नीचे के प्रभारियों को आहरण, वितरण का अधिकार सौंपा गया हैं।वही एक स्तर नीचे प्रभारी प्रधानाचार्यों को यह अधिकार नही दिया जाना समझ से दूर हैं। बैठक में कहा गया कि आहरण वितरण का अधिकार प्रभारी प्रधानाचार्यों को ना दिए जाने के कारण वेतन भत्तों सहित तमाम अन्य वित्तीय लेनदेन के लिए 10 से 30 किमी दूर तक कागजों को मजबूरन भेजना पड़ रहा हैं। जिसमें अनावश्यक समय की बरबादी के साथ ही धनराशि का नुकसान हो रहा हैं। कहां कि आहरणए वितरण का अधिकार पुनः प्राप्त करने के लिए प्रभारी प्रधानाचार्यों का एक शिष्टमंडल राजधानी में शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, महानिदेशक शिक्षा एवं निदेशक शिक्षा से भेंट करेगा। इसके लिए एक संयोजक मंडल का गठन किया गया जिसका प्रभारी प्रधानाचार्य दर्शन घुनियाल को संयोजक बनाया गया हैं। इस बैठक में प्रभारी प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह रावत, रमेश देवराड़ी, एमपी यादव, लक्ष्मण सिंह नेगी, यशपाल सिंह बिष्ट, अनिल देवराड़ी, रेखा बडवाल, कमलेश सती, विजय कुमार, योग्बर सिंह एसएस राणा आदि ने विचार व्यक्त किए।