फोटो–भगवान फयूॅलानारायण के श्रृंगार उपरांत दिब्य दर्शन
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। उच्च हिमालयी बुग्याल मे विराजमान भगवान फयूॅलानारायण के कपाट खुले। बडी संख्या मे ग्राीमीण दर्शनो के लिए पंहुचे। दोपहर एक बजे खोले गए कपाट।
पंच केदारो मे एक कल्पनाथ के शीर्ष पर करीब दस हजार फीट की ऊॅचाई पर हिमालयी मखमली बुग्याल मे स्थित भगवान फयूॅलानारायण के कपाट श्रावंण संक्राति के मौके पर पूरे विधि-विधान व मान्य धार्मिक पंरपराओ के साथ दर्शनार्थ खोल दिए गए। कपाट खुलने की पंरपरानुसार गाॅव से नियुक्त बारीदार पुजारी व महिला पुजारिन ने स्नान करने के उपरंात भगवान के लिए जल व पुष्प लेकर आए और भगवान नारायण का स्नान करवाकर श्रीविग्रह का श्रृंगार किया। श्रंृगार उपरांत सत्तू व मक्क्ख का भोग लगाकर आरती की गई। इस दौरान भर्की व भेंटा के देवी-देवताओं के पश्वाओ के अलावा पिलखी,,भर्की, भेंटा, अरोसी,व ग्वाणां गाॅवो के ग्रामीणांे के अलावा उर्गम घाटी के अनेक गाॅवों के ग्रामीण श्रद्धालु मौजूद थे।
भगवान फयूॅलानारायण के कपाट खुलने से पूर्व की पंरपरानुसार भर्की के पंचनाम चैक मे देवी-देवताओ के अवतरण के उपंरात इस वर्ष के बारीदार पूरण सिंह मंमगाॅई व पुजारिन पार्वती देवी को चिमटा व घंटी दी गई। इन निशानो के देने का धार्मिक महत्व यह भी है कि कपाट खुलने के बाद बंद होने तक पुजारी संन्यास रूप मे वहाॅ प्रवास करेगे।
भर्की व भेंटा के ग्राीणों ने बाजे-गाजे के साथ पुजारी व अन्य ग्रामीणों को विदा किया।
फयॅूलानारायण कपाट खुलने के मौके पर मेला कमेटी के अध्यक्ष हर्षबर्धन फरस्वांण, भंेटा के प्रधान लक्ष्मण सिंह नेगी, नंदा सिंह नेगी, सुरेन्द्र सिह रांवत, के अलावा भर्की/भेंटा के पश्वा, पुजारी, तथा उर्गम घाटी के अनेक ग्रामो के ग्रामीण मौजूद रहे।