फोटो-गरूड छाड उत्सव के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति रस्सी के सहारे उत्सव स्थल तक पंहुची।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। गरूड छाड मेले के बाद बदरीनाथ यात्रा का विधिवत शुभांरभ हुआ। अब ग्रीष्म काल के छ माह नर पूजा की तैयारी शुरू हुई मुख्य पुजारी श्री रावल व बीकेटीसी के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने भगवान विष्णु व विष्णु वाहन गरूड की पूजा कर यात्रा का विधिवत शुभारंभ किया।
पौराणिक सनातन पंरपरा के अनुसार प्रतिवर्ष भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलने से पूर्व जोशीमठ मे गरूड-छाड मेले का आयोजन होता है। इसमे एक रस्सी पर दूर से पहले विष्णु वाहन गरूड को छोडा जाता है। और बाद मे भगवान विष्णु को। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु अपने वाहन मे सवार होकर बदरीकाश्रम के लिए प्रस्थान करते है। भगवान विष्णु व गरूड की मूर्तियांे को श्री रावल द्वारा रस्सी से उतारकर माता यशोदा की मूर्ति के सम्मुख रखा जाता है। और इसके बाद बदरीनाथ के धर्माधिकारी द्वारा पूजन कराया जाता है।
मान्यता है कि जोशीमठ मे आयोजित गरूड छाड मेले के बाद ही शीतकाल के छ माह तक पूजा करने वाले नारद मुनि अब अगले शीतकाल के लिए अपने गंतब्य को प्रस्थान करने की तैयारी भी करना शुरू कर देते है। कपाट खुलने के बाद छ माह नर द्वारा ही पूजा की जाती है।
गरूड छाड उत्सव के बाद बुधबार को बदरीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल शंकराचार्य गददी के साथ पहले प्रवास पंाडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगे। भगवान नारायण को छ माह तक लगाए जाने वाले तिलो के तेल के कलश-गाडू-घडा भी नृंिसंह मंदिर पंहुच गया है। गाडू घडा के नगर मे पंहुचने पर नगरवासियों ने भब्य स्वागत किया।
गरूड छाड मेले मे बदरीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल व बीकेटीसी के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल के अलावा पूर्व सीईओ जेएस विष्ट, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी आचार्य सत्य प्रसाद चमोला, राधाकृष्ण थपलियाल, देव पुजाई समिति के सचिव उमेश सती, कोषाध्यक्ष विजय डिमरी, बीकेटीसी के सदस्य ऋषि प्रसाद सती, पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, भोला ंिसह नामड, गोविंद प्रसाद भटट, सरजीत राणा, सतीश भटट, अनिल नंबूरी, अजीत कवंाण, सुंशील थपलियाल, पालिका सभासद गौरव नंबूरी,, नव दुर्गा सेवा समिति के अध्यक्ष बीपी कपरूवाण,, भगवती प्रसाद नंबूरी, द्वारिका सिंह विष्ट, व पंडित प्रेम कोठियाल आदि मौजूद थे।