
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
देवाल विकास खंड के अंतर्गत संचार सेवा से पूरी तरह से महरूम घेस घाटी में जल्द ही मोबाइल फोनों की घंटी घन.घनाने की संभावना बढ़ने लगी है। इसके लिए जिओ कंपनी ने नऐ टावरों के निर्माण के प्रस्ताव कंपनी के हैडक्वार्टर को भिजवा दिया है। इसके साथ ही नऐ टावरों की स्थापना के लिए जल्द ही सर्वे टीम क्षेत्र में भेजे जाने की संभावना हैं।
दरअसल आज के इस डिजीटल के दौर में भी सीमांत जिला चमोली के दुरस्थ क्षेत्रों में सुमार घेस घाटी के चार गांव घेस, हिमानी, बलाण एवं पिनाऊ गांव दूरसंचार सुविधा से पूरी तरह से वंचित पड़े हुए हैं। यहा की करीब ढ़ाई हजार से अधिक आबादी को अंयत्र क्षेत्रों में दूरसंचार सम्पर्क स्थापित करने के लिए अपने घर, गांवों से कोसों पैदल चल कर गांवों के आसपास की ऊंची.ऊंची चोटियों पर चढ़ कर अपने मोबाइल फोनों से संपर्क स्थापित करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। गांवों में घटित होने वाली तमाम सुखद एवं दुःखद् घटनाओं की सूचनाओं के देने में काफी अधिक दिक्कतों का सामना करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। लंबे समय से संचार सेवा मुहैया करवाए जाने की मांग करने पर राज्य सरकार ने पिछले सालों में यहां पर एक बेलून टावर बीएसएनएल के सहयोग से हिमनी में लगवाया था, जो वाई.फाई सेवा तो दे रहा है। किंतु फोन सेवा देने में अधिक कारगर साबित नहीं हो पा रही है। इस क्षेत्र की जनता बीएसएनएल, एयरटेल, जिवो सहित तमाम अन्य संचार कंपनियों से इस क्षेत्र में मोबाइल टावर स्थापित करने की मांग करते आ रही हैं, किंतु किसी भी कंपनी ने इस क्षेत्र की जनता की मांग पर गौर तक नहीं किया।
पिछले महीने जनवरी में देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने राजधानी देहरादून में जिवो के प्रोजक्ट मैनेजर कृष्णा रेड्डी से मिला था। जहां पर उन्होंने घेस घाटी में बेहतरीन संचार सेवा मुहैया कराने के लिए घेस, हिमनी व बलाण में कंपनी के मोबाइल टावर की स्थापना करने के लिए एक ज्ञापन उन्हें सौपा। प्रमुख दर्शन दानू ने बताया कि ज्ञापन पर कार्रवाई करते हुए विगद दिनों कंपनी के हाई पावर कमेटी को घेस घाटी के घेस, हिमानी एवं बलाण में जिओ टावरों की स्थापना करने की सिफारिश भेज दी हैं। बताया कि कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें बताया हैं कि कुछ ही दिनों में सर्वे टीम को इस क्षेत्र में भेज कर पूरी सर्वे करवा कर रिपोर्ट कंपनी के मुख्य कार्यालय को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दी जाएगी। माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक.ठाक रहा तो जल्द ही संचार सुविधा से महरूम घेस घाटी के घर.घर में मोबाइल फोनों की घंटियां घन.घनाने लगेगी।