हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। ग्वालदम-नंदकेशरी -देवाल-वांण- तपोवन प्रस्तावित जनरल स्टाफ सड़क का हस्तांतरण तीन माह बाद लोक निर्माण विभाग से बीआरओ को नही होने पर ग्वालदम से वांण तक करीब 60 किलोमीटर मोटर सड़क इन दिनों लावारिस हालत में पड़ी हुई हैं।
दरअसल पिछले वर्ष 18 सितंबर को भारत सरकार ने ग्वालदम-नंदकेशरी -देवाल-वांण तक की मोटर सड़क को लोनिवि थराली से हस्तांतरित करने एवं वांण से आगे ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) विकास खंड के तपोवन तक कुल 99.200 किलोमीटर मोटर सड़क के निर्माण की स्वीकृति देते हुए इसके लिए बाकायदा भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने 896.77 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए निर्माण का जिम्मा बीआरओ को सौप दी। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होने वाली इस सड़क के निर्माण से सेना के साजो-सामान को धारचूला बाडर से ज्योतिर्मठ बाडर की दूरी करीब 65 किलोमीटर कम होगी जिससे सेना का समय एवं अन्य सामग्रियों में काफी बचत होगी। इसके अलावा ऋषिकेश -बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर लगने वाले जाम से भी निजात पाया जा सकता हैं। भारत सरकार से ग्वालदम-तपोवन जनरल स्टाफ सड़क के निर्माण के तहत बीआरओ को हस्तांतरण करने के लिए 14 अक्टूबर को बीआरओ गौचर के कमान अधिकारी मनोहर कुमार ने लोनिवि थराली को पत्र भेज कर ग्वालदम से वांण तक मोटर सड़क को बीआरओ को हस्तगत करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।जिस पर लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता ने विभागीय उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश मांगे थे। सड़क को बीआरओ को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया के तहत उत्तराखंड शासन के अनुसार सचिव दीपक कुमार ने मुख्य अभियंता बीआरओ शिवालिक परियोजना ऋषिकेश को 12 दिसंबर 2024 को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया हैं कि 2026 में जुलाई, अगस्त माह में श्री नंदादेवी राजजात यात्रा प्रस्तावित हैं और और यात्रा का अधिकांश भाग नंदकेसरी से वांण तक मोटर सड़क महत्वपूर्ण है। उन्होंने मुख्य अभियंता से इस सड़क के समुचित रखरखाव का प्रतिबद्धता पत्र उत्तराखंड सरकार को देने को कहा था।जिस पर 23 दिसंबर को प्रोजेक्ट शिवालिक के ब्रिगेडियर चीफ इंजीनियर प्रसन्ना एस जोशी ने अनु सचिव को भेजें पत्र में कहा है कि ग्वालदम से तपोवन मोटर सड़क का रक्षा मंत्रालय भारत सरकार से वित्त पोषित हैं और रक्षा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत निर्माण किया जाना हैं,चीफ इंजीनियर ने उत्तराखंड सरकार से कमिटमेंट करते हुए कहा कि 2026 में प्रस्तावित श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के दौरान वे ग्वालदम से वांण तक रखरखाव करने को बीआरओ तैयार हैं। बावजूद इसके एक पखवाड़े बाद भी इस सड़क को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी तेजी के साथ गतिमान नही हो सकी हैं।
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हाट कल्याणी जिला पंचायत वार्ड के जिला पंचायत सदस्य कृष्णा बिष्ट ने कहा कि ग्वालदम से वांण तक करीब 60 किलोमीटर से लंबी मोटर सड़क के लोनिवि थराली से हस्तांतरित कर बीआरओ को सौंपने के बाद से लोनिवि थराली ने लगभग इस सड़क पर रखरखाव का कार्य करना बंद कर दिया है, जबकि विधिवत सड़क बीआरओ को हस्तगत नही होने के कारण उसने रखरखाव का कार्य शुरू नही किया हुआ हैं।जिस कारण सड़क इन दिनों लावारिस हाल में पड़ी हुई हैं।जिसका खामियाजा आम जनता एवं देश, विदेश से आने वाले पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा हैं।