
फोटो. चमोली जिले की दुरस्थ हरमल घाटी, जोकि आज भी यातायात से वंचित पड़ी हुई है।
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
लंबे समय से मांग करने एवं कई बार सड़कों पर संघर्ष करने के बाद आखिरकार देवाल-मानमती से मानमती.चोटिंग-हरमल.झलिया के लिए 5 किमी मोटर सड़क के लिए धनराशि जारी होने पर पिंडारी क्षेत्र के ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है।
दरअसल पिछले दो दशक से मानमती से आगे चोटिंग, हरमल एवं चमोली जिले के आखिरी गांव झलिया तक मोटर सड़क के निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनता के द्वारा की जाती रही है। इसके लिए बकायदा कई दफे जन आंदोलन भी हुए, इसके बाद 2011 में उत्तराखंड सरकार ने राज्य योजना से मानमती से झलिया तक 20 किमी सड़क की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी, जिस पर लोनिवि थराली के द्वारा मानमती से झलिया तक डिटेल सर्वे कर 17.500 किमी की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के लिए भेज दी। इस दौरान पूरे 17.500 किमी मोटर सड़क के भूमि हस्तांतरण 3 वर्ष पूर्व ही हो चुका है। किंतु सड़क के पार्ट फस्ट के लिए धनराशि जारी नहीं होने के कारण निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका है।
देवाल के क्षेत्र प्रमुख दर्शन दानू, पिंडारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष युवराज सिंह बसेड़ा, हरमल के सामाजिक कार्यकर्ता हरीश गड़िया आदि ने बताया कि पिछले दो वर्षों से स्वीकृत मोटर सड़क के पहले भाग मानमती से चोटिंग, ऊफथर तक सड़क के पार्ट फस्ट की कटिंग के लिए वित्तीय स्वीकृति दिलाने के प्रयास जारी थे। बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज, क्षेत्रीय विधायक मुन्नी देवी शाह एवं एबीवीपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रमेश गड़िया के सहयोग से इस बहुप्रतीक्षित मोटर सड़क के 5 किमी निर्माण के लिए 1 करोड़ 12 लाख रुपए की स्वीकृति सरकार से मिल गई है। जिससे जल्द ही इस सड़क के निर्माण की आशा जग गई हैं।
देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू ने बताया कि उनका प्रयास हैं कि इस सड़क को कुमाऊं क्षेत्र के कुंवारी गांव तक आने वाली सड़क से जोड़ा जाए। जिससे कुमाऊं से गढ़वाल आने.जाने वाले स्थानीय लोगों को तो लाभ मिलेगा ही, वही इस सड़क से विश्व प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर को जाने वाले ट्रेकर्स को भी लाभ मिलेगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को भी बल मिलेगा।












