डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
केदारनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर सेवा संचालित करने वाली सभी
छह हेली कंपनियां रविवार को अपने सात हेलिकॉप्टरों के साथ
केदारघाटी से वापस लौट गई हैं। अब यह सेवा यात्रा के तीसरे चरण में,
यानी सितंबर में, मानसून खत्म होने के बाद फिर से शुरू होगी। 17 से
21 जून तक उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना
करना पड़ा।केदारनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर सेवा संचालित करने
वाली सभी छह हेली कंपनियां रविवार को अपने सात हेलिकॉप्टरों के
साथ केदारघाटी से वापस लौट गई हैं। अब यह सेवा यात्रा के तीसरे
चरण में, यानी सितंबर में, मानसून खत्म होने के बाद फिर से शुरू
होगी। 17 से 21 जून तक उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी
का सामना करना पड़ा।केदारनाथ के लिए उड़ान भरते समय क्रिस्टल
कंपनी के हेलिकॉप्टर को रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग
करनी पड़ी थी। इस घटना के बाद, डीजीसीए ने सभी हेली कंपनियों के
कार्यालयों का निरीक्षण किया और उड़ानों के लिए शटल निर्धारित कीं,
जिससे उड़ानें नियंत्रित हुईं और कंपनियों को प्रतिदिन सैकड़ों टिकट रद्द
करने पड़े।15 जून को, केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरते
समय आर्यन हेली कंपनी का हेलिकॉप्टर गौरी माई खर्क में दुर्घटनाग्रस्त
हो गया। इस हादसे में पायलट समेत साल लोगों की माैत हो गई थी।
इस हादसे का कारण खराब मौसम बताया गया था। इसी दौरान, ट्रांस
भारत के दो हेलिकॉप्टरों ने भी अलग-अलग हेलिपैड से उड़ान भरी और
वापस लौटे थे। इन्हीं पायलटों ने आर्यन हेलिकॉप्टर के गुप्तकाशी न
पहुंचने की सूचना दी थी।दुर्घटना के तुरंत बाद डीजीसीए ने दो दिनों के
लिए हेलिकॉप्टर सेवा बंद कर दी थी। बाद में, डीजीसीए ने खराब
मौसम में जबरन उड़ान भरने के लिए ट्रांस भारत के दोनों पायलटों के
लाइसेंस छह महीने के लिए रद्द कर दिए। इसके साथ ही, आर्यन कंपनी
प्रबंधन से भी लंबी पूछताछ की गई और राजस्व विभाग ने कंपनी
प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। वहीं 17 से 21 जून तक खराब
माैसम के कारण हेलिकाॅप्टर उड़ान नहीं भर पाए। जिससे यात्री खासे
परेशान हुए।केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी ने पुष्टि की
है कि सभी हेली कंपनियां लौट गई हैं और अब वे मानसून खत्म होने के
बाद सितंबर में ही दोबारा केदारघाटी पहुंचेंगी।वहीं, डीजीसीए ने भी
मानसून सीजन में हेली सेवा की अनुमति नहीं दी। 15 जून को केदार
घाटी में हेलिकॉप्टर दुर्घटना के बाद से अभी तक केदारनाथ के लिए
हेलिकॉप्टरों ने उड़ान नहीं भरी। मानसून सीजन खत्म होने पर 15
सितंबर के बाद ही हेली सेवा शुरू हो पाएगी।इस बार चारधाम यात्रा
में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं के चलते डीजीसीए व उत्तराखंड नागरिक
उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) की ओर से सख्त निगरानी की जा
रही है। इस वर्ष 2 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में यूकाडा और
डीजीसीए ने थंबी एविएशन, हिमालयन हेली एविएशन, ग्लोबल
वेक्ट्रा, एरौ, क्रिस्टल, आर्यन हेलीएविएशन, ट्रांस भारत और पवन हंस
हेली एविएशन को हेलिकॉप्टर उड़ान की अनुमति दी गई थी। 2 मई से
14 जून तक हेलिकॉप्टर से 56044 यात्री केदारनाथ पहुंचे और
54209 यात्री बाबा केदार के दर्शन कर लौटे। मगर 15 जून को आर्यन
हेली कंपनी का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से पायलट सहित सात
लोगों की मौत के बाद डीजीसीए ने तत्काल प्रभाव से दो दिन के लिए
हेलिकॉप्टर सेवा पर रोक लगा दी थी तब से यहां किसी हेलिकॉप्टर ने
उड़ान नहीं भरी है।प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है। जिससे 22 जून
से आगे की यात्रा के लिए केदारनाथ व हेमकुंड साहिब हेली सेवाओं के
टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग रोक दी गई।मानसून की दस्तक ने
चारधाम यात्रा में केदारनाथ धाम, बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब के लिए
हेली सेवाओं की उड़ान रोक दी है। 22 जून के बाद आगे की यात्रा के
लिए हेली टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग नहीं होगी। केदारघाटी के
अलग-अलग हेलिपैड से छह कंपनियों के हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ के
लिए उड़ान नहीं भरी। इस कारण यहां केदारघाटी और केदारनाथ
हेलिपैड पर सन्नाटा पसरा रहा। छह दिनों में 5400 से अधिक यात्रियों
के टिकट रद्द किए जा चुके हैं। यहां बार-बार मौसम बदल रहा
है।मानसून सीजन में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की चुनौती को
देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से हेलिकॉप्टर
संचालन की अनुमति नहीं मिली है।केदारनाथ धाम के लिए दो मई से
गुप्तकाशी, सिरसी, फाटा हेलिपैड से हेली सेवा का संचालन शुरू हुआ
था। जबकि हेमकुंड साहिब के लिए गोबिंदघाट से घांघरिया तक 25 मई
से हेली सेवा संचालित की गई। इस बार चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर
दुर्घटनाओं के चलते डीजीसीए व उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास
प्राधिकरण (यूकाडा) की ओर से सख्त निगरानी की जा रही है। प्रदेश में
मानसून दस्तक दे चुका है।. *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के*
*जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*