उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम कें तहत *सुबह 11-30 बजे शहीद स्मारक मेँ* राज्य मेँ भविष्य मेँ होने *परिसीमन को लेकर चिन्तन बैठक* आहूत की गई। आपको विदित हो कि उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा पूर्व मेँ भी वर्ष 2005 मेँ भी परिसीमन को लेकर एक आंदोलन खड़ा किया जुलूस व प्रदर्शन किये जिससे पहाड़ मेँ 5/6 विधानसभा सीटें बचाई जा सकी।
आंदोलनकारी मंच सरकार व शासन से पुनः मांग करता हैं कि केन्द्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे प्रदेश व हिमालयी राज्यों मेँ क्षेत्रफल कें आधार पर ही परिसीमन किया जाना चाहियॆ जिससे पहाड़ों मेँ प्रतिनिधित्व भी बना रहेगा साथ ही सीमाओं की सुरक्षा को लेकर भी लाभ मिलेगा।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष/राज्य मन्त्री रहें रविन्द्र जुगरान कें साथ ही युवा राज्य आंदोलनकारी व प्रेस क्लब कें अध्यक्ष अजय राणा ने चिन्ता जताते हुये कहा कि हिमालयी राज्यों एवं विशेषकर उत्तराखण्ड मेँ केवल क्षेत्रफल कें आधार पर ही परिसीमन होना चाहियॆ। तभी पहाड़ कें 09-जिलों मेँ विधानसभा का प्रतिनिधित्व बच पायेगा अन्यथा पहाड़ इससे अछूता रह जायेगा।
मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना भट्ट व विजयलक्ष्मी गुसांई कें साथ द्वारिका बिष्ट ने नाराजगी जताते हुये कहा कि हमने ऐसे राज्य की कतई कल्पना नहीं की थी कि जिस पहाड़ कें लियॆ संघर्ष किया वही पिछड़ जायेगा औऱ भारी संख्यां मेँ पलायन हो जायेगा। जब प्रतिनिधित्व ही घट जायेगा तो विधानसभा मेँ हमारी आवाज कौन उठायेगा।
उक्रांद कें शान्ति भट्ट व डीo एसo गुसांई कें साथ गणेश डंगवाल व संतोष चमोली ने कहा वास्तव मेँ इस महत्वपूर्ण बिन्दु व विषय पर हमारे विधायको को विधानसभा मेँ सामूहिक चर्चा होनी चाहियॆ थी जो राज्य आंदोलनकारी मंच कर रहा हैं।
बैठक की अध्यक्षता व संचालन पूरण सिंह लिंगवाल ने किया।
बैठक कें अन्त मेँ प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व गौरव सैनानी कें केन्द्रीय अध्यक्ष गौरव राणा कें साथ मंच कें प्रदेश प्रवक्ता ने जोर देते होते हुये कहा कि हम 09-जिलों को बचाने कें लियॆ एड़ी चोटी की ताकत लगाएंगे औऱ पहाड़ का प्रतिनिधित्व बचा पाएंगे। सरकार या तों 5th शिड्यूल लागू करें तों राज्य का संरक्षण हो सकें। मंच ने मुख्यमन्त्री से मांग की कि वह राज्य कें संघर्ष औऱ त्याग व शहादतों को सरकार स्मरण करें औऱ प्रदेश हित मेँ शीघ्र विधान सभा मेँ सर्वदलीय बैठक बुलाएं औऱ केन्द्र से हस्तक्षेप कर क्षेत्रफल कें आधार पर ही परिसीमन का प्रस्ताव बनाएं अन्यथा 5th शिड्यूल को लागू कराएं।
गौरव सैनानी मंच , उक्रांद , भैरव सैना , महिला संगठन कें प्रतिनिधी , पत्रकार व अधिवक्ता मुख्य रूप से चिन्तन बैठक मेँ प्रतिभाग किया।
बैठक मेँ केशव उनियाल , रवीन्द्र जुगरान , जगमोहन सिंह नेगी , गौरव राणा , डीo एसo गुसांई , अजय राणा , शान्ति भट्ट , संदीप चमोली , प्रमोद काला , जितेन्द्र अन्थ्वाल , शूरवीर भण्डारी , रुकम सिंह पोखरियाल , पूरण सिंह लिंगवाल , प्रदीप कुकरेती , संदीप खत्री , दीपक कैन्तुरा , युद्धवीर सिंह चौहान , गम्भीर मेवाड़ , महेन्द्र रावत , सुरेश नेगी , विजय बलूनी (पिंकी) , नवीन रमोला , चन्द्रकिरण राणा , हरी सिंह , सुरेश कुमार , लखन चीलवाल , चन्द्रमोहन सिंह नेगी , रघुवीर तोमर , सुमित थापा (बंटी) , विनोद असवाल , प्रभात डण्डरियाल , विरेन्द्र सिंह रावत , विजयलक्ष्मी गुसांई , सुलोचना भट्ट , सत्या पोखरियाल , अरुणा थपलियाल , राधा तिवारी , द्वारिका बिष्ट , तारा पाण्डे , देवेश्वरी नेगी , सुमन नैथानी , साबी नेगी , पुष्पा सकलानी , सुशीला चन्दोला , आशा नौटियाल , संगीता रावत , देवेश्वरी गुसांई , तारा रावत , माया बडोनी , सरोज कण्डवाल , यशोदा ममगांई , शान्ति कैन्तुरा , पुष्पा नेगी , विमला रावत आदि रहें।