थराली से हरेंद्र बिष्ट।
इसे इत्तफाक कहें या देवी चमत्कार कि पिछले करीब 6 माह से बारिश के लिए तरसती पिंडर क्षेत्र में रविवार को पर्यटन नगरी ग्वालदम से करीब ढाई किमी की दूरी पर स्थित ग्वालदम नाग एवं मां नंदा भगवती राजराजेश्वर देवी के सिद्वपीठ देवराड़ा के पास तुंगेश्वर खाल में स्थित दक्षिण कालिंका के मंदिर में पूजा.अर्चना एवं यज्ञ. हवन शुरू किए जाने के करीब 10 घंटों के बाद पूरे पिंडर घाटी क्षेत्र के घाटी क्षेत्रों में झमाझम बारिश होने के साथ ही क्षेत्र के बुग्यालों एवं ऊंची पहाड़ियों पर जमकर बर्फबारी होने से जहां क्षेत्र के किसानों सहित आम जनता ने राहत की सांस ली हैं।वही एक बार फिर लोगों की भगवान पर आस्था बढ़ने लगी हैं।
दरअसल पिछले करीब 6 माह से पिंडर घाटी क्षेत्र में अन्य सालों की अपेक्षा काफी कम बारिश एवं बर्फबारी होने के कारण क्षेत्र में रवि की फसलें लगभग नष्ट हो चुकी हैं। जबकि फरीफ की फसलों पर भी संकट के बादल मंडराने लगें थे जिससे क्षेत्र के किसानों एवं आम जनता में भारी मायूसी छाने लगी थी। बारिश ना होने पर इस क्षेत्र के लोगों ने इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए गत रविवार को क्षेत्र के अलग.अलग हिस्सों के मंदिरों में पूजा.अर्चनाए यज्ञ.हवन करना शुरू कर दिया था। इसे इत्तफाक कहें याकि देवी चमत्कार कि अभी पूजा.अर्चना एवं यज्ञ.हवन को 10 घंटे भी पूरे नही हुए थे कि रात्री करीब 12 बजें के बाद इस क्षेत्र के अधिकांश घाटी वाले हिस्सों में जमकर बारिश होने के साथ ही क्षेत्र के तमाम बुग्यालों, ऊंची पहाड़ियों पर जमकर बर्फबारी होने लगी। बारिश एवं बर्फबारी के चलते किसानों के साथ ही आम जनता के चेहरे अच्छी फसल होने, स्वास्थ्य ठीक रहने, जंगलों में फैल रही दवाग्नि पर रोक लगाने एवं समय से पहले ही आने लगी गर्मी पर नियंत्रण होने की संभावनाओं के चलते खिल उठे हैं।
कहा जाए कि एक बार फिर से आस्था की विजय हुई हैं तो गलत नही होगा। उधर लोल्टी.तुंगेश्वर के व्यापार संघ अध्यक्ष धनराज सिंह रावत ने बताया कि तुगेश्व खाल में बारिश होने की कामना के लिए दक्षिण कालिंका के मंदिर में शुरू कियें गये तीन दिवसीय विशेष पूजा.अर्चना एवं यज्ञ.हवन दूसरे दिन भी जारी हैं। जिस का विधिवत समापन मंगलवार को पूर्ण आहुति के साथ सम्पन्न होगा।इधर क्षेत्र में रूक.रूक कर बारिश के साथ ही बर्फबारी का सिलसिला भी जारी हैं।