रिपोर्ट : प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में रैपिड एक्शन फ़ोर्स बालावाला, देहरादून को दी आपदा प्रबंधन की महत्वपूर्ण जानकारी। उत्तराखंड राज्य में गठन के पश्चात से एसडीआरएफ द्वारा निरन्तर किये जा रहे महत्वपूर्ण रेस्क्यू कार्यों व सामाजिक क्रियाकलापों से देश भर में एक अलग पहचान बना कर अपने गठन की सार्थकता को सिद्ध किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर भी एसडीआरएफ द्वारा किए गए कार्यों की अत्यधिक सराहना हुई है।
वर्तमान समय में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल प्राकृतिक/मानवजनित आपदाओं, उच्चतुंगता रेस्क्यू, फ्लड रेस्क्यू तथा किसी भी विषम से विषम परिस्थितियों में कार्य करने में सक्षम होने के साथ ही अत्याधुनिक रेस्क्यू उपकरणों से भी सुसज्जित है।
एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय में एक विशेषज्ञ ट्रेनिंग टीम द्वारा ट्रेनिंग कैलेंडर के अनुसार पुलिस, फायर सर्विस, पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी, महिला मंगल दल, युवा मंगल दल, रेड़क्रोस इत्यादि अनेक संस्थाओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देकर राज्य को आपदाओं के प्रति और अधिक सुदृढ करने का प्रयास किया जा रहा है।
एसडीआरएफ उत्तराखंड की प्रभावी कार्यशैली व अत्याधुनिक उपकरणों से प्रभावित अन्य राज्यों द्वारा भी समय-समय पर एसडीआरएफ वाहिनी का भ्रमण कर महत्वपूर्ण जानकारी व सुझाव लिए जाते रहे है। जिसके चलते सोमवार को सेकंड इन कमांड आरएएफ जितेंद्र सिरसवाल द्वारा वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में आपदा प्रबंधन सहित एसडीआरएफ की संरचना, कार्यशैली, रेस्क्यू तकनीकों व आधारभूत बेसिक उपकरणों की जानकारी प्राप्त की गई।
साथ ही भविष्य में एसडीआरएफ के मास्टर ट्रेनर्स द्वारा आरएएफ कार्मिकों को आपदा प्रबंधन का मूलभूत प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के लिए विचार-विमर्श किया गया। भ्रमण का उद्देश्य उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार आपदा प्रबंधन की तैयारी के लिए आधारभूत जानकारी प्राप्त करना था, जिससे भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर किसी आपदा के दौरान आरएएफ द्वारा भी राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग प्रदान किया जा सके।